दिनांक 23 -04 -2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
बोतल का पानी पीने से बढ़ती है आंखों की रोशनी जानें कैसे ?
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 23/04/2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – ग्रीष्म
* अयन- उत्तरायण
* मास – वैशाख
* पक्ष- शुक्ल
* तिथि- तृतीया प्रातः 07:44 . बजे उपरांत चतुर्थी
* वार- रविवार
* नक्षत्र – रोहिणी रात्रि 24:23 बजे उपरांत मृगशिरा
* योग- 1 सौभाग्य – प्रातः 08:17:24 बजे उपरांत 2 शोभन
करण-1* गर – 07:44 A.m. 2 वणिज- 20:03:18 P.M. उपरांत 3 विष्टि (भद्रा)- –
* चंद्र राशि – वृषभ
चंद्र बल – मेष, वृषभ, कर्क, सिंह, कन्या, वृश्चिक,धनु, मकर,मीन
सम्वत् नाम – पिंगल
सूर्योदय – 06:07 A.M. सूर्यास्त – 06:57 P.M.
दिनमान – 12:50
रात्रिमान – 11:09 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न -12:08 बजे से 12:56 तक
अशुभ समय
यमगण्ड – दोपहर 12:00 से 1:30 तक राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
1. दोपहर 12:32:00 से 02:08:15 बजे तक
2. रात्रि 01:55:07 से 03:18:45 बजे तक
गुलिक काल – सायं 03:00 से 04:30 बजे तक
दिशा शूल – पश्चिम दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.उद्वेग- प्रातः 06:07 से 07:43:15 तक
2.चंचल-प्रातः 07:43:15 से 09:19:30 तक
- लाभ- प्रातः 09:19:30 से 10:55:45 तक
4.अमृत-प्रातः 10:55:45 से 12:32:00 तक (वारवेला निषेध)
5.काल-दोपहर 12:32:00 से 02:08:15 तक( कालवेला निषेध)
6.शुभ- दोपहर 02:08:15 से 03:44:30 तक
7.रोग-सायं 03:44:30 से 05:20:45 तक
8.उद्वेग-सायं 05:20:45 से 06:57 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.शुभ-रात्रि 06:57 से 08:20:37 तक
2.अमृत -रात्रि 08:20:37 से 09:44:15 तक
3.चंचल-रात्रि 09:44:15 से 11:07:52 तक
4.रोग-रात्रि 11:07:52 से 12:31:30 तक
5.काल-रात्रि 12:31:30 से 01:55:07 तक
6.लाभ-रात्रि 01:55:07 से 03:18:45 तक (कालवेला निषेध)
7.उद्वेग-रात्रि 03:18:45 से 04:42:22 तक
8.शुभ-रात्रि 04:42:22 से 06:06 तक
वार विशेष- सूर्य को नवग्रहों में राजा का पद प्राप्त है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस जातक की जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह निर्बल होता है उस जातक के सामान्यतः नेत्र विकार रहने की संभावनाएं रहती है अतः सूर्य की प्रबलता के लिए रविवार को लाल रंग की बोतल में रखा हुआ जलपान अवश्य करें।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721