समाचार-गढ़, श्रीडूंगरगढ़। रमजान का मुबारक महीना शुरू होते ही क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल बन गया था। शहर में रमजान को लेकर बच्चों में भी उत्साह नजर आया। रमजान के महीने में छोटे-छोटे बच्चे भी रोजा रखकर खुदा की इबादत करने में पीछे नहीं रहे। 23 मार्च की शाम से चांद देखने के बाद रमजानुल मुबारक का पवित्र महीना शुरु हो गया था। इस बार रमजान के 29 रोजा थे। कस्बे में 9 साल की नगमा छिंपा ने इस बार रोजा रखा। रमजान के इस पाक महीने की और अपने माता-पिता का रुझान और आस्था देखते हुए बच्ची ने रोजा रखने की इच्छा जताई। नगमा ने कहा कि वह पूरे महीने रोजे रखना चाहती है। नगमा के पापा आसिफ़ छिंपा ने उसके इस तरह की इबादत पर उसकी हौंसला अफजाई की और रोजा रखने की अनुमति दी। बच्ची के रोजा से होने पर माता पिता काफी खुश दिखे। वहीं पूरे परिवार के लोग रोजेदार बच्ची को दिन भर लार दुलार प्यार किया और पूरा परिवार काफी खुश दिखा। यह पूरे परिवार के लिए एक खुशी का पल था।
श्रीडूंगरगढ़ कस्बे के मैन मार्केट में रहने वाली नगमा छिंपा 9 साल के बच्ची ने अपनी जिंदगी का पहला रोजा रखा। कक्षा 4 में पढ़ने वाली बालिका नगमा ने पूरे 29 रोजे रखे। उसके दादा लियाकत ने बताया कि नगमा रोजा शुरू होने से कई दिन पहले से ही रोजा रखने की बात कह रही थी। आखिरकार उसने तड़के उठकर अपनी अम्मी के साथ सेहरी कर रोजा रख लिया और नमाज भी पढ़ी। इस दौरान उसने खुदा की इबादत कर अमन-चेन की दुआएं की।