पंचांग
तिथि:द्वादशी, 10:31 तक
नक्षत्र:उत्तर फाल्गुनी, 18:28 तक
योग:इंद्र, 07:37 तक
प्रथम करण:तैतिल, 10:31 तक
द्वितिय करण:गारा, 23:53 तक
वार:मंगलवार
अतिरिक्त जानकारी
सूर्योदय:06:47
सूर्यास्त:17:47
चन्द्रोदय:03:49
चन्द्रास्त:16:10
शक सम्वत:1946 क्रोधी
अमान्ता महीना:आश्विन
पूर्णिमांत:कार्तिक
सूर्य राशि:तुला
चन्द्र राशि:कन्या
पक्ष:कृष्ण
अशुभ मुहूर्त
गुलिक काल:
12:17 − 13:40
यमगण्ड:09:32 − 10:54
दूर मुहूर्तम्:
12:38 − 12:40
22:49 − 24:27
व्रज्याम काल:None
राहू काल:15:02 − 16:25
शुभ मुहूर्त
अभिजीत:11:55 − 12:39
अमृत कालम्:10:19 − 12:08
दिन का चौघडिया
मुहूर्त का समय करने योग्य गतिविधियाँ
रोग
06:46 – 08:08
वाद-विवाद, प्रतियोगिता, विवाद निपटारा
उद्वेग
08:08 – 09:31
सरकार से संबंधित कार्य
चर
09:31 – 10:54
यात्रा, सौंदर्य / नृत्य / सांस्कृतिक गतिविधियाँ
लाभ
10:54 – 12:16
नया व्यवसाय, शिक्षा प्रारंभ करें
अमृत
12:16 – 13:39
सभी प्रकार के कार्य (विशेष रूप से दुग्ध उत्पाद संबंधित)
काल
13:39 – 15:01
मशीन, निर्माण और कृषि संबंधी गतिविधियाँ
शुभ
15:01 – 16:24
विवाह, धार्मिक, शिक्षा गतिविधियाँ
रोग
16:24 – 17:46
वाद-विवाद, प्रतियोगिता, विवाद निपटारा
धनतेरस दीपावली पांच दिन का दीपोत्सव होता है। इसकी शुरुआत धनतेरस से होती है। इसका समापन भाई दूज के दिन होता है। दीपावली का पांच दिवसीय पर्व आज शुरू हो गया।इस साल धनतेरस 29 अक्टूबर को यानी आज मनाया जाएगा। धनतेरस को धनत्रयोदशी, धन्वंतरि त्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है।
हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इसे दिवाली से दो पहले मनाया जाता है। इस दिन भक्त धन के देवता भगवान कुबेर और आयुर्वेद और स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं। यह दिन चांदी और सोने की वस्तुओं, बर्तनों और झाडू की खरीदारी के लिए शुभ माना जाता है।