दिनांक 04- 05-2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
पीले वस्त्र पहनने से मिलता है कफ रोग में लाभ जानें कैसे ?
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 04/05/2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – ग्रीष्म
* अयन- उत्तरायण
* मास – वैशाख
* पक्ष- शुक्ल
* तिथि- चतुर्दशी रात्रि 23:41 बजे उपरांत पूर्णिमा
* वार- गुरुवार
* नक्षत्र – चित्रा रात्रि 21:31 बजे उपरांत स्वाति
* योग- वज्र प्रातः 10:32 बजे उपरांत सिद्धि
- करण- 1 गर- 11:47:36 A.M. 2 वणिज- 23:41 P.M.
उपरांत विष्टि (भद्रा) –- चंद्र राशि – कन्या प्रातः 09:21 बजे उपरांत तुला
चंद्र बल – मेष,वृषभ,कर्क, सिंह,कन्या,वृश्चिक, धनु, मकर,मीन प्रातः 09:21 बजे उपरांत मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मकर, कुंभ
सम्वत् नाम – पिंगल
सूर्योदय – 05:58 A.M. सूर्यास्त – 07:03 P.M.
दिनमान – 13:05
रात्रिमान – 10:55*शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न - 12:06:30 बजे से 12:54:30 तक
अशुभ समय
यमगण्ड – प्रातः 6:00 से 7:30 बजे तक राहुकाल- दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
- चंद्र राशि – कन्या प्रातः 09:21 बजे उपरांत तुला
कालवेला या अर्द्धयाम
1. सायं 03:46:45 से 05:24:52 बजे तक
2. रात्रि- 12:30:30 से 01:52:22 बजे तक
गुलिक काल – प्रातः 9:00 से 10:30 बजे तक
दिशा शूल – दक्षिण दिशा में यात्रा वर्जित है
चौघड़िया ( दिन)
1.शुभ- प्रातः 05:58 से 07:36:07 तक
2.रोग-प्रातः 07:36:07 से 09:14:15 तक
3.उद्वेग-प्रातः 09:14:15 से 10:52:22 तक
4.चंचल-प्रातः 10:52:22 से 12:30:30 तक
5.लाभ-दोपहर 12:30:30 से 02:08:37 तक
6.अमृत-दोपहर 02:08:37 से 03:46:45 तक
7.काल-सायं 03:46:45 से 05:24:52 तक (कालवेला निषेध)
8.शुभ-सायं 05:24:52 से 07:03 तक (वार वेला निषेध)
चौघड़िया ( रात्रि)
1.अमृत-रात्रि 07:03 से 08:24:52 तक
2.चंचल-रात्रि 08:24:52 से 09:46:45 तक
3.रोग-रात्रि 09:46:45 से 11:08:37 तक
4.काल-रात्रि 11:08:37 से 12:30:30 तक
5.लाभ-रात्रि 12:30:30 से 01:52:22 तक(कालवेला निषेध)
6.उद्वेग-रात्रि 01:52:22 से 03:14:15 तक
7.शुभ-रात्रि 03:14:15 से 04:36:07 तक
8.अमृत-रात्रि 04:36:07 से 05:58 तक
विशेष – ग्रहजनित कुयोग रचना रोग विकार गति के अनुसार सामान्यतः जिस जातक की जन्म कुंडली में गुरु ग्रह किसी भी प्रकार से पीड़ित होता है तो उसे वायु, कफ मुख आदि विकार उत्पन्न होने की संभावनाएं रहती है अतः गुरु ग्रह की प्रसन्नता के लिए गुरुवार को पीले वस्त्र धारण करना श्रेष्ठ माना जाता है एवं गुरुवार को पीले वस्त्र पहनने से उपरोक्त रोगों में लाभ मिलने की भी संभावनाएं रहती है।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721