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लेखन प्रशिक्षण कार्यशाला। युवाओं को अपनी चुनौतियों को पहचानना होगा

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समाचार-गढ़, 28 मई 2023. श्रीडूंगरगढ़ में राष्ट्र भाषा हिन्दी प्रचार समिति द्वारा प्रायोजित लेखन प्रशिक्षण कार्यशाला के छठे दिन नवलेखकों ने युवा वर्ग की चुनौतियां विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि युवाओं को चुनौतियों से हताश नहीं होना चाहिए। चुनौतियां सीखने का अवसर प्रदान करती हैं। नवलेखक कोमल शर्मा ने कहा कि सही रास्ते के चयन से चुनौतियां अवसर में बदलने लगती हैं। ममता शर्मा ने कहा चुनौतियों से पार जाने की कला जिसे आ गई, उसके लिए कहीं भी कोई कठिनाई नहीं है। रेखा शर्मा ने कहा कि समझदार होते ही हर बच्चा चुनौतियों के सामने पड़ जाता है। समय ही ऐसा उपस्थित हो चुका है। युवा में मानसिक दौर्बल्य न आए, इस प्रयास की जरूरत है। फाल्गुनी राठी ने कहा कि भारत की पैंतीस फीसदी युवा आबादी समूचे विश्व के सामने चमत्कार उपस्थित कर सकती है, बशर्ते वह रचनात्मक उद्देश्यों से बंध जाए। यशोधा शर्मा ने कहा कि युवाओं को उचित मार्गदर्शन मिले तो वे कुछ भी कर सकते हैं। कौशल्या शर्मा ने कहा कि युवाओं को वास्तविकताओं की पहचान कर आगे बढना चाहिए। अंबिका जैन ने कहा परिजन अच्छा व्यवहार दे तो आगे जाकर उनके समक्ष कोई चुनौती ही न रहे। खुशी मोदी ने कहा कि जीवन में अगर चुनौतियां न हो तो क्षमता का विकास नहीं होगा। गोपी पूनिया ने कहा कि स्कूलें और काॅचिंग संस्थान स्कोर करने पर तो जोर देते हैं, पर उससे आगे विद्यार्थी क्या बनता है, इसकी उन्हें कोई परवाह नहीं है, वे केवल अपना मंतव्य साधते हैं। कृष्णावतार सुथार ने कहा कि आज का युवा पराश्रित हो गया है। अंशुल स्वामी ने कहा कि चुनौतियां आगे बढने की प्रेरणा देती हैं। सांवरमल गोदारा ने अपने उद्गार कविता के माध्यम से प्रकट किए। कैलाश शर्मा ने कहा कि हम अपने को साबित करें ऐसी लगन रहे। पूनमचंद सारण ने कहा कि हम से परिवार की अपेक्षाएं रहती हैं तो उनको पूरा करना हमारा दायित्व है। मुन्नीराम सियाग ने कहा कि आज कमाई करना बड़ी चुनौती हो गई है। पवन सिद्ध ने कहा कि आज के युवा के नायक बदल गए हैं, प्रेरणास्पद नायक न होने से युवा वर्ग गर्त में जा रहा है। मोहित आचार्य ने कहा कि आज युवा एक साथ अनेक मानसिक दवाबों को झेलता है। पत्रकार अशोक पारीक ने कहा कि व्यर्थ ही हम मोबाइल को आरोपित करते हैं। इंटरनेट ने प्रगति के अनेक रास्ते खोले हैं। पत्रकार राजेश शर्मा ने बताया कि युवाओं की रचनात्मक भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। वरिष्ठ साहित्यकार श्याम महर्षि ने कहा कि युवाओं में ऊर्जा तो है, पर उन्हें उत्साहित करने तथा मन के कार्य करने के अवसर नहीं मिल रहे हैं।
कार्यशाला संयोजक डाॅ चेतन स्वामी ने कहा कि हमारे युवाओं को राजनेता टूल बनाने का कुत्सित कार्य करते हैं। उनकी ऊर्जा का नकारात्मक इस्तेमाल करते हैं। संगोष्ठी में पूर्व उच्चाधिकारी बजरंग शर्मा, सत्यनारायण योगी तथा साहित्यकार सत्यदीप तथा श्रीभगवान सैनी भी उपस्थित रहे। नवलेखकों ने आज मांग की कि प्रशिक्षण का समय दो घंटे से तीन घंटे किया जाए।

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