समाचारगढ़ 13 अक्टूबर 2024 डायबिटीज (मधुमेह) एक मेटाबॉलिक बीमारी है, जिसमें शरीर का शुगर (ग्लूकोज) लेवल सामान्य से अधिक बढ़ जाता है। इसका कारण शरीर में इंसुलिन नामक हार्मोन की कमी या उसके सही उपयोग में बाधा होता है। इंसुलिन पैंक्रियाज (अग्न्याशय) द्वारा निर्मित होता है और यह भोजन से प्राप्त शुगर को ऊर्जा में परिवर्तित करता है। जब इंसुलिन का सही तरीके से निर्माण या उपयोग नहीं हो पाता, तो रक्त में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे मधुमेह की समस्या उत्पन्न होती है।
आज के समय में मधुमेह (डायबिटीज) तेजी से फैल रही स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है। यह बीमारी न केवल शरीर की शुगर लेवल को प्रभावित करती है, बल्कि कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकती है। डायबिटीज से बचाव के लिए सही आहार का चुनाव बेहद महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं किन कारणों से डाइबिटीज हो सकती हैं:
डायबिटीज होने के कारण
1. आनुवांशिक कारण
अगर परिवार में किसी को डायबिटीज है, तो इसकी संभावना बढ़ जाती है।
2. अस्वस्थ आहार
अत्यधिक चीनी, फास्ट फूड और जंक फूड का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाता है।
3. मोटापा और शारीरिक निष्क्रियता
वजन अधिक होने से शरीर में इंसुलिन की कार्यक्षमता कम हो जाती है।
4. तनाव और नींद की कमी
अत्यधिक तनाव और अनियमित नींद से हार्मोनल असंतुलन होता है, जिससे शुगर बढ़ सकता है।
5. हाइपरटेंशन और हृदय रोग
उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी बीमारियां डायबिटीज का खतरा बढ़ाती हैं।
डायबिटीज के लक्षण
बार-बार प्यास लगना
अत्यधिक भूख लगना
थकान महसूस होना
बार-बार पेशाब आना
वजन घटना या बढ़ना
घावों का देर से भरना
दृष्टि धुंधली होना
डायबिटीज का प्रबंधन और रोकथाम
1. हरी पत्तेदार सब्जियां
पालक, मेथी, ब्रोकली और पत्तागोभी जैसी सब्जियों में कम कैलोरी और अधिक फाइबर होता है। ये शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करती हैं और शरीर में इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाती हैं।
2. साबुत अनाज
गेहूं, जौ, ओट्स और ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज में कार्बोहाइड्रेट की गुणवत्ता अच्छी होती है, जिससे ब्लड शुगर धीरे-धीरे बढ़ता है। इन्हें नियमित आहार का हिस्सा बनाना फायदेमंद होता है।
3. नट्स और बीज
बादाम, अखरोट, और चिया सीड्स जैसे नट्स व बीजों में फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में होते हैं, जो शुगर लेवल को स्थिर रखते हैं और हृदय रोग के खतरे को कम करते हैं।
4. फल
सेब, जामुन, पपीता और अमरूद जैसे फल कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले होते हैं, जो रक्त में शर्करा को अचानक बढ़ने से रोकते हैं। लेकिन अत्यधिक मीठे फलों से परहेज करें।
5. दही और छाछ
प्रोबायोटिक्स से भरपूर दही और छाछ पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं और शरीर में इंसुलिन की मात्रा को बेहतर तरीके से नियंत्रित करते हैं।
6. दालें और बीन्स
चना, मूंग, राजमा और लोबिया प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं, जो पेट को लंबे समय तक भरा रखते हैं और शुगर नियंत्रण में सहायता करते हैं।
7. हल्दी और मेथी
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन और मेथी के दानों में पाए जाने वाले घटक शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मददगार होते हैं। इनका नियमित सेवन लाभदायक होता है।
खास सुझाव
चाय-कॉफी की जगह ग्रीन टी या हर्बल टी का सेवन करें।
चीनी और रिफाइंड खाद्य पदार्थों से बचें।
नियमित रूप से व्यायाम और योग करें।
निष्कर्ष:
डायबिटीज जैसी बीमारियों से बचाव में सही आहार की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। उपरोक्त आहार न केवल मधुमेह से सुरक्षा प्रदान करते हैं, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखते हैं। सही खानपान और जीवनशैली अपनाकर मधुमेह को दूर रखना संभव है।