समाचार गढ़, 16 अगस्त 2024, श्रीडूंगरगढ़। बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ महंत भरत शरण जी महाराज के सान्निध्य में सर्व हिंदू समाज के सदस्यों ने आज उपखण्ड अधिकारी को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान विधायक ताराचंद सारस्वत व श्री विश्वकर्मा कौशल विकास बोर्ड के अध्यक्ष रामगोपाल सुथार मौजूद रहे। सभी कस्बे के गांधी पार्क में एकत्रित हुए और वहां से रैली के माध्यम से विरोध जताते हुए भारत माता के जयकारों के साथ पैदल पंचायत समिति पहुँचे, जहां उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में बताया गया है कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों का गंभीर हनन हो रहा है। हिंदू मंदिरों, मूर्तियों, और पूजा स्थलों को तोड़ा जा रहा है, और हिंदू परिवारों पर जानलेवा हमले किए जा रहे हैं। हाल ही में मेहरपुर स्थित इस्कॉन मंदिर को जलाने की घटना समेत पूरे देश में कई हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ और हिंदुओं की लिंचिंग के वीडियो दंगाइयों द्वारा साझा किए गए हैं।
ज्ञापन में कहा गया है कि इन घटनाओं से न केवल बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन हो रहा है, बल्कि उनका सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन भी संकट में पड़ गया है। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई है कि बांग्लादेश सरकार इन अत्याचारों को रोकने के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाए, ताकि वहां के हिंदू समुदाय को सुरक्षा मिल सके और वे बिना किसी भय के अपने धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों का पालन कर सकें। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा पर भारतीय संसद में प्रस्ताव लाकर कार्रवाई की जाए। हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी इस मुद्दे को उठाने की अपील की गई है।
ज्ञापन सौंपने वाले सदस्यों ने सरकार से आग्रह किया है कि वह बांग्लादेश सरकार से हिंदू समुदाय की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए तुरंत कार्रवाई करने का अनुरोध करे।
ज्ञापन सौंपते समय उपखंड अधिकारी ने आश्वासन दिया कि यह ज्ञापन उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा और इस गंभीर मुद्दे पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस दौरान विहिप जिलाध्यक्ष जगदीश स्वामी, संरक्षक भंवरलाल दुगड़, संघ के वरिष्ठ स्वयंसेवक आसाराम पारीक, भैराराम डूडी, भाजपा नेता विनोदगिरी गुसाई, शिव स्वामी, हेमनाथ जाखड़, सत्यनारायण स्वामी, संतोष बोहरा, श्याम जोशी, रजत आसोपा, महेश राजोतिया, महेन्द्र राजपूत, इंद्रचंद तापड़िया, पवन उपाध्याय, अशोक वैद, वासुदेव जोशी, दीपक हिंदू, मूलचंद पालीवाल, विमल शर्मा, सुरेंद्र चुरा, भरत सुथार, महेंद्र पारीक, सहित अनेक संगठनों के नागरिक मौजूद रहे।