
समाचार गढ़, 3 जुलाई, श्रीडूंगरगढ़। तेरापंथ धर्मसंघ के 10 वें गुरु आचार्य महाप्रज्ञ का 105 वां जन्मदिवस समारोह पूर्वक साध्वी सेवा केंद्र में मनाया गया। सेवा केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी कुंथुश्री ने समुपस्थित जनमानस को संबोधित करते हुए कहा कि आषाढ़ बदी तेरस को आचार्य महाप्रज्ञ का जन्म हुआ था। आचार्य महाप्रज्ञ जन्म के वक्त एक साधारण बालक ही थे परन्तु अपने पुरुषार्थ और गुरु कृपा से महाप्रज्ञ बनकर उभरे। आचार्य महाप्रज्ञ बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे जिसके कारण वो सिर्फ जैन आचार्य नहीं, जन-जन के आचार्य बन गए। हर सम्प्रदाय व जाति के लोग, विद्वतजन बड़ी सहजता के साथ उनसे मिलते थे और उनकी सान्निध्य में आकर खुद को परिपूर्ण समझते थे। साध्वी ने बताया आचार्य महाप्रज्ञ दार्शनिक, प्रेक्षा प्रणेता, ध्यान साधक, आगम संपादक, विद्वान, लेखक आदि गुणों से परिपूर्ण थे। उन्होंने तेरापंथ धर्मसंघ को नई ऊंचाइयां प्रदान की। कार्यक्रम में साध्वी पुनीतप्रभा, श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथी सभा के मंत्री प्रदीप पुगलिया, तेरापंथ महिला मंडल से मधु झाबक व संपत देवी मालू ने अपने भाव व्यक्त किये। कार्यक्रम में महेंद्र मालू, अशोक बैद सहित समाज के मौजिज लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन साध्वी जीतयशा ने किया।


