दिनांक 11-04 -2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
हनुमान जी करते हैं ऋण से मुक्त जानें कैसे ?
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 11/04 /2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – वसंत
* अयन- उत्तरायण
* मास – वैशाख
* पक्ष- कृष्ण
* तिथि- पंचमी- 07:14 A.M. षष्ठी- 29:36 A.M उपरांत सप्तमी
* वार- मंगलवार
* नक्षत्र – ज्येष्ठा – दोपहर 12:55 बजे उपरांत मूल
* योग- 1 वरियान – सायं 17:49 बजे *उपरांत *2* परिध
करण– 1 तैतिल-07:14:36 A.M. 2. गर-18:25:36 P.M.3 वणिज- 29:36:36 A.M. उपरांत विष्टि (भद्रा)
चंद्र राशि – वृश्चिक दोपहर 12:55 बजे उपरांत धनु
चंद्र बल – वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक,मकर,कुंभ, मीन
दोपहर 12:55 बजे उपरांत मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक, धनु, कुंभ, मीन
सम्वत् नाम – पिंगल
सूर्योदय- 06:19 A.M. सूर्यास्त – 06:51 P.M.
दिनमान – 12:32
रात्रिमान – 11:27 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न - 12:11 बजे से 12:59 तक
अशुभ समय
यमगण्ड – प्रातः 9:00 से 10:30 बजे तक राहुकाल- दोपहर 3:00 से 4:30 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कुलिक योग- प्रातः 07:14 बजे तक
कालवेला या अर्द्धयाम
1. दोपहर 02:09 से 03:43 बजे तक
2.रात्रि 08:16:52 से 09:42:45 बजे तक
गुलिक काल – दोपहर 12:00 से 01:30 बजे तक
दिशा शूल – उत्तर दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.रोग- प्रातः 06:19 से 07:53 तक
2.उद्वेग-प्रातः 07:53 से 09:27 तक (वार वेला निषेध)
3.चंचल-प्रातः 09:27 से 11:01 तक
4.लाभ-प्रातः 11:01 से 12:35 तक
5.अमृत-दोपहर 12:35 से 02:09 तक
6.काल-दोपहर 02:09 से 03:43 तक (कालवेला निषेध)
7.शुभ- सायं 03:43 से 05:17 तक
8.रोग-सायं 05:17 से 06:51 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.काल- रात्रि 06:51 से 08:16:52 तक
2.लाभ-रात्रि 08:16:52 से 09:42:45 तक (कालवेला निषेध)
3.उद्वेग-रात्रि 09:42:45 से 11:08:37 तक
4.शुभ-रात्रि 11:08:37 से 12:34:30 तक
5.अमृत-रात्रि 12:34:30 से 02:00:22 तक
6.चंचल-रात्रि 02:00:22 से 03:26:15 तक
7.रोग-रात्रि 03:26:15 से 04:52:07 तक
8.काल- रात्रि 04:52:07 से 06:18 तक
*विशेष- मंगल ग्रह को शास्त्रों में ऋण हर्ता माना जाता है। यदि आपका किसी से कर्ज लिया हुआ है और उस कर्ज को उतारने में आपके विघ्न बाधाएं आ रही है एवं किसी भी कारण से आप उस ऋण का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं तो कृपया मंगलवार के दिन घर के पूजा घर में हनुमान जी के आगे दीपक प्रज्वलित करके आप आसन पर बैठकर के ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ अवश्य करें। श्रद्धा पूर्वक 21 मंगलवार तक यह प्रयोग करने से बालाजी अपने भक्तों को ऋणमुक्त कर देते हैं।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721