दिनांक 21-04-2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
आज कतली खाने से होंगे सभी दुःख दूर जानें कैसे ?
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 21/04/2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – ग्रीष्म
* अयन- उत्तरायण
* मास – वैशाख
* पक्ष- शुक्ल
* तिथि- प्रतिपदा प्रातः 08:25 बजे उपरांत द्वितीया
* वार- शुक्रवार
* नक्षत्र – भरणी रात्रि 10:56 बजे उपरांत कृतिका
* योग- 1 प्रीति- प्रातः 10:54:24 बजे उपरांत आयुष्मान
- करण- 1 बव-08:25 A.M. 2 बालव – 20:05:30 P.M. उपरांत 3 कौलव
- चंद्र राशि – मेष रात्रि 28:58 बजे उपरांत वृषभ
चंद्र बल – मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक धनु, कुंभ,मीन
रात्रि 28:58 बजे उपरांत मेष, वृषभ, कर्क, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु, मकर, मीन
- चंद्र राशि – मेष रात्रि 28:58 बजे उपरांत वृषभ
सम्वत् नाम- पिंगल
सूर्योदय- 06:09 A.M. सूर्यास्त- 06:56 P.M.
दिनमान- 12:47
रात्रिमान- 11:12 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न - 12:08:30 से 12:56:30 बजे तक
अशुभ समय
यमगण्ड – सायं 3:00 से 4:30 बजे तक राहुकाल- प्रातः 10:30 से 12:00 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कुलिक योग– प्रातः08:25 बजे उपरांत
कालवेला या अर्द्धयाम
1.प्रातः 10:56:37 से 12:32:30 बजे तक 2.रात्रि 09:44:00 से 11:08:00 बजे तक
गुलिक काल – प्रातः 7:30 से 9:00 बजे तक
दिशा शूल – पश्चिम दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.चंचल- प्रातः 06:09 से 07:44:52 तक
2.लाभ-प्रातः 07:44:52 से 09:20:45 तक 3.अमृत-प्रातः09:20:45 से 10:56:37 तक (वार वेला निषेध)
4.काल-प्रातः 10:56:37 से 12:32:30 तक (कालवेला निषेध)
5.शुभ- दोपहर 12:32:30 से 02:08:22 तक
6.रोग-दोपहर 02:08:22 से 03:44:15 तक
7.उद्वेग-सायं 03:44:15 से 05:20:07 तक
8.चंचल-सायं 05:20:07 से 06:56 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.रोग- रात्रि 06:56 से 08:20 तक
2.काल-रात्रि 08:20 से 09:44 तक
3.लाभ-रात्रि 09:44 से 11:08 तक (कालवेला निषेध)
4.उद्वेग-रात्रि 11:08 से 12:32 तक
5.शुभ-रात्रि 12:32 से 01:56 तक
6.अमृत-रात्रि 01:56 से 03:20 तक
7.चंचल-रात्रि 03:20 से 04:44 तक
8.रोग-रात्रि 04:44 से 06:08 तक
विशेष दिन– पाराशर ऋषि जयंती
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र ग्रह को सुख का कारक माना जाता है।
जिस व्यक्तियों की कुंडली में शुक्र ग्रह निर्बल होता है उनके जीवन में हमेशा सुख की कमी रहती है। अतः शुक्र ग्रह को प्रबल बनाने के लिए शुक्रवार के दिन कतली या अन्य किसी भी प्रकार की सफेद मिठाई खाने से न केवल शुक्र दोष में राहत मिलती है बल्कि इसके साथ ही जातक को अपार सुख भी प्राप्त होता है।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721