Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD
HomeFrontDharmikअक्षय तृतीया पर बन रहे हैं 5 अद्भुत महासंयोग अवश्य करें ये...

अक्षय तृतीया पर बन रहे हैं 5 अद्भुत महासंयोग अवश्य करें ये अचूक उपाय

Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD

अक्षय तृतीया पर बन रहे हैं 5 अद्भुत महासंयोग अवश्य करें ये अचूक उपाय

समाचार-गढ़। क्षेत्र के प्रसिद्ध श्री गणेश ज्योतिष कार्यालय के विख्यात ज्योतिषी राजगुरु पंडित देवी लाल उपाध्याय के पुत्र एवं आचार्य रामदेव उपाध्याय ने बताया कि इस वर्ष अक्षय तृतीया का पावन पर्व दिनांक 22 अप्रैल 2023, वार- शनिवार को मनाया जाएगा। आचार्य ने बताया कि ज्योतिषीय गणना के अनुसार श्री डूंगरगढ़ समय अनुसार प्रातः 7:47 बजे से तृतीया तिथि आरंभ हो जाएगी जो रविवार प्रातः 7:44 बजे तक रहेगी। आचार्य ने बताया कि इस वर्ष अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार 5 विशेष शुभ योग बन रहे हैं जो अपने आप में एक अद्भुत महासंयोग है।

1.त्रिपुष्कर योग- आचार्य ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार को प्रातः 6:08 बजे से प्रातः 7:46 बजे तक त्रिपुष्कर नामक शुभ योग रहेगा। मान्यताओं के अनुसार त्रिपुष्कर योग में जो भी शुभ कार्य करते हैं उसका 3 गुना ज्यादा फल मिलता है।

2.आयुष्मान योग- आचार्य ने बताया के शनिवार को प्रातः 6:08 बजे से आयुष्मान नामक योग प्रारंभ होने जा रहा है जो शनिवार को प्रातः 9:21:12 बजे तक रहेगा। जिसे ज्योतिष शास्त्र में अति शुभ माना जाता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार आयुष्मान योग में जो भी शुभ कार्य करते हैं उसके शुभफल का प्रभाव लंबे समय तक रहता है।

3.रवि योग- आचार्य ने बताया कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार को रवि योग नामक महत्वपूर्ण योग का भी निर्माण हो रहा है। रवि योग शनिवार को रात्रि 11:20 बजे से आरंभ होकर सम्पूर्ण रात्रि तक रहेगा। मान्यताओं के अनुसार रवि योग को न केवल समस्त दोषों का नाशक माना जाता है बल्कि इस योग में किए गए समस्त विशेष कार्य शुभ फलदायक भी होते हैं।

4.सर्वार्थसिद्धि योग- आचार्य ने बताया कि शनिवार को अक्षय तृतीया पर सर्वार्थसिद्धि नामक विशेष योग भी बन रहा है जो अपने आप में एक शुभ संकेत है। आचार्य के अनुसार शनिवार को रात्रि 23:20 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग आरंभ होगा जो अगले दिन सुबह 6:07 बजे तक रहेगा। मान्यताओं के अनुसार इस योग में जो भी शुभ कार्य करते हैं उसमें सिद्धि की प्राप्ति होती है।

5.अमृतसिद्धियोग- आचार्य के अनुसार शनिवार को रात्रि 23:20 बजे से अमृतसिद्धि योग आरंभ होगा जो रविवार को प्रातः 6:07 बजे तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार अमृत सिद्धि योग को विशेष शुभ योग माना जाता है।

अक्षय तृतीया क्यों मनाई जाती है?
आचार्य ने बताया कि अक्षय तृतीया को लेकर अनेक प्रकार की पौराणिक मान्यताएं है जिसके कारण अक्षय तृतीया का पावन पर्व मनाया जाता है। आइए जानते हैं वे पौराणिक मान्यताएं क्या है ?
1. मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था जो साक्षात् विष्णु जी के अवतार हैं।अतः भगवान परशुराम जी के जन्म दिवस के रूप में अक्षय तृतीया का त्योहार मनाया जाता है।
2. मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही सतयुग के बाद त्रेतायुग आरंभ हुआ था।
3. मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन ही सुदामा ने भगवान कृष्ण को चावल चढ़ाया था। तब भगवान श्रीकृष्ण ने प्रसन्न होकर सुदामा को भरपूर धन एवं खुशी का आशीर्वाद दिया था।
4. मान्यताओं के अनुसार जब पांडव वनवास के लिए रवाना हुए तब भगवान श्रीकृष्ण ने अक्षय तृतीया के दिन द्रोपदी को अक्षय पात्र दिया था ताकि उनके पास प्रचुर मात्रा में भोजन रहें।
5. वेदव्यास जी ने अक्षय तृतीया के दिन महाकाव्य महाभारत का लेखन कार्य आरंभ किया था।
6. शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया के पावन दिन ही पृथ्वी पर मां गंगा अवतरित हुई थी।
7. पुरी जगन्नाथ में वार्षिक रथयात्रा भी अक्षय तृतीया के दिन ही आरंभ होती है।

अक्षय तृतीया पर अवश्य करें ये अचूक उपाय
आचार्य ने बताया कि मान्यताओं के अनुसार अक्षय तृतीया पर आरंभ किया गया कार्य अक्षय होता है। अक्षय तृतीया पर सोने की खरीदारी को अति शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन खरीदे गए सोने को न केवल धन एवं समृद्धि का प्रतीक माना जाता है बल्कि उस सोने को वृद्धिकारक सूचक भी माना जाता है। अतः इस दिन अपने सामर्थ्य अनुसार सोना अवश्य खरीदना चाहिए।

आचार्य ने बताया कि अक्षय तृतीया के दिन प्रातः काल में नित्य नैमित्तिक कर्म से निवृत्त होकर के पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। घर के मंदिर में एक बाजोट पर पीला वस्त्र बिछाकर उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा को स्थापित करें। भगवान की प्रतिमा को
धूप,दीपक, प्रसाद, आदि अर्पण करके एक पीले पुष्प पर चंदन लगाकर भगवान को अर्पण करना चाहिए। इस प्रकार भगवान का पंचोपचार पूजन संपन्न करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है।

राजगुरु पंडित देवीलाल उपाध्याय (ज्योतिष विद्)
09414429246
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय
(शास्त्री-आचार्य, ज्योतिष विद्)
09829660721

Samachargarh AD
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!
विज्ञापन