समाचार गढ़, 9 जुलाई, श्रीडूंगरगढ़। आम के इस सीजन में अपने आप को आम खाने से रोक पाना बहुत ही मुश्किल है। एक-एक करते हुए पूरे दिन में जरूरत से ज्यादा आम का सेवन हो जाता है और फिर जिसका प्रभाव शरीर पर दिखने लगता है। वैसे तो आम एक बहुत ही फायदेमंद फल है। इसमें कई तरह के विटामिन भी पाए जाते हैं। लेकिन जरूर से ज्यादा इसका सेवन नुकसानदेह हो सकता है।
अधिक मात्रा में आम खाने से हाई डायबिटीज और पेट की बीमारी का रिस्क बढ़ जाता हैं। इसके अलावा अधिक मात्रा में आम खाने से और भी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। अगर आपको आम के फायदों का लाभ उठाना है, तो आपको संतुलित और सीमित मात्रा में सेवन करना महत्वपूर्ण है।
एक दिन में सामान्य व्यक्ति के लिए एक से दो आम काफी है। आम में कैलोरी हाई होती है, जिसकी वजह से मोटापे का खतरा भी बढ़ जाता है। यदि आप डायबिटीज के मरीज हैं या डायबिटीज का खतरा है, तो आम का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।आएइ, इस आर्टिकल में जानते हैं कि आम के अधिक सेवन से क्या नुकसान हो सकते हैं।
डायबिटीज का खतरा बढ़ना
आम में नेचुरल शुगर यानी कि ;फ्रक्टोज की मात्रा पाई जाती है। जिसका अधिक सेवन करने पर आप में हाई डायबिटीज का रिस्क भी बढ़ जाता है। हद से ज्यादा आम खाने से ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है।
वजन बढ़ना
आम में कैलोरी की मात्रा भी अधिक होती है। अधिक मात्रा में आम खाने से कैलोरी की अधिकता हो सकती है, जिसके कारण वजन बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाता है।
पाचन संबंधी समस्याएं
आम में फाइबर अधिक होता है, जो पाचन के लिए अच्छा है। लेकिन जब इसकी अधिकता होती है, तो यह पेट में गैस, ब्लोटिंग और डायरिया जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।
एलर्जी की समस्या
कुछ लोगों को आम से एलर्जी भी हो सकती है, जिसके कारण त्वचा पर रैशेज, खुजली और सूजन की समस्या हो सकती है। आम की तासीर गर्म होती है और हद से ज्यादा आम खाने से एलर्जी की संभावना बढ़ सकती है।
कार्बोहाइड्रेट्स की अधिकता
आम में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा अधिक होती है और अधिक कार्ब का सेवन करने से इंसुलिन का स्तर प्रभावित हो सकता है, जिससे डायबिटीज के अलावा पीसीओडी और कोलेस्ट्रॉल का खतरा भी बढ़ सकता है।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।