पाठक बनने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए
समाचार-गढ़, 3 जून 2023। श्रीडूंगरगढ़ पुस्तकालय में आयोजित लेखन प्रशिक्षण कार्यशाला में नव लेखकों से प्रशिक्षक डाॅ चेतन स्वामी ने कहा कि भले ही लेखक बनने में विलम्ब हो, लेकिन पाठक बनने के लिए अविलंब तैयार हो जाओ। पाठक को ही पता होता है कि अच्छा और प्रभावी लेखन कैसा होता है। पुस्तकें दोहरा लाभ देती हैं। एक ओर वे पाठक की संवेदनाओं को जगाकर उसे अच्छा इन्सान बनाती है दूसरी ओर भौतिक जीवन में प्रगति के मार्ग खोलती हैं। उन्होंने कहा कि जो स्कूल बच्चों को पुस्तकालयों से नहीं जोड़ते, विद्यार्थियों को केवल पाठ्य-पुस्तकों तक सीमित रखते हैं, वे उनकी पूर्ण बौद्धिक विकास नहीं चाहते। चौंकानेवाला तथ्य है कि एक प्रतिशत से भी कम बालक पुस्तकों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। निन्यानबे प्रतिशत बालक विभिन्न विषयों की पुस्तकों के बारे में अनभिज्ञ रहते हैं। पुस्तकालयों में पुस्तकों के दीमक लगती रहती है। आज का अध्यापक भी पुस्तकों से सर्वथा दूर है।
नव लेखन विद्यार्थियों को साहित्यकार डाॅ मदन सैनी ने भी लिखने के प्रत्यक्ष गुर सिखाए। मेरे जीवन की अविस्मरणीय घटना विषय पर विद्यार्थी निबंध लिखकर लाए।