समाचार गढ़, 24 अगस्त 2024, श्रीडूंगरगढ़। तेजा मंदिर धर्मशाला में समग्र शिक्षा द्वारा आयोजित सात दिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 84 शारीरिक शिक्षिकाओं ने भाग लिया, जिन्हें बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए प्रशिक्षित किया गया। ये शिक्षिकाएँ अब अपने-अपने विद्यालयों में जाकर छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देंगी, जिससे वे किसी भी आपात स्थिति में खुद को सुरक्षित रख सकेंगी।
समारोह के मुख्य अतिथि सीओ निकेत पारीक ने अपने संबोधन में इस प्रकार के प्रशिक्षणों की अहमियत पर जोर दिया और कहा कि आत्मरक्षा की शिक्षा हर बालिका के लिए आवश्यक है, ताकि वे आत्मविश्वास के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना कर सकें। उन्होंने प्रशिक्षिकाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे इस प्रशिक्षण को अपने जीवन में उतारें और बालिकाओं को सशक्त बनाएं। इस मौके पर एडीपीसी बीकानेर, गजानंद सेवक ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण न केवल शारीरिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह बालिकाओं में मानसिक ताकत और आत्मनिर्भरता भी विकसित करेगा।
मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ओम प्रकाश प्रजापत ने भी समारोह को संबोधित किया और कहा कि इस प्रकार के प्रशिक्षण से शिक्षिकाओं और छात्राओं में आत्मविश्वास का संचार होता है। समारोह के दौरान ईश्वर राम गरुवा और कुंभाराम ने भी अपने विचार साझा किए और इस पहल की सराहना की। प्रशिक्षण की केआरपी श्रीमती सन्तोष शेखावत, श्रीमती शारदा सिद्ध, श्रीमती शारदा चौधरी व श्रीमती राजबाला रही।आत्मरक्षा प्रशिक्षण का यह आयोजन बालिकाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है, जो आने वाले समय में समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक सिद्ध होगा।