
समाचार गढ़, 16 जनवरी 2025। राजस्थान सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 6759 ग्राम पंचायतों में जनवरी में चुनाव कराने के बजाय मौजूदा सरपंचों को प्रशासक नियुक्त करने का निर्णय लिया है। हर ग्राम पंचायत में एक प्रशासनिक समिति का गठन भी किया जाएगा, जिसमें उप सरपंच और वार्ड पंच शामिल होंगे। पंचायती राज विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
मध्य प्रदेश मॉडल से प्रेरित है फैसला
यह निर्णय मध्य प्रदेश के मॉडल पर आधारित है, जहां पहले ही कई राज्यों में इसी प्रकार से सरपंचों को प्रशासक बनाया जा चुका है। सरकार का मानना है कि सभी पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव एक साथ कराने की दिशा में यह कदम अहम साबित होगा।
वन स्टेट, वन इलेक्शन की ओर कदम
गौरतलब है कि इन पंचायतों का कार्यकाल इस महीने समाप्त हो रहा है। चुनाव 31 जनवरी से पहले करवाना अनिवार्य था, लेकिन सरकार ने “वन स्टेट, वन इलेक्शन” की नीति के तहत इनका चुनाव स्थगित कर दिया है। पिछले दिनों पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन का निर्णय लिया गया था, और जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक चुनाव नहीं होंगे।
सरपंचों को प्रशासनिक समिति से लेनी होगी राय
सरकार के निर्देश के अनुसार, जिन पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो गया है, वहां सरपंच प्रशासनिक समिति की सलाह से काम करेंगे। जिला कलेक्टर प्रत्येक पंचायत में प्रशासक नियुक्त करेंगे और प्रशासनिक समिति का गठन करेंगे।
चुनाव टलने का मतलब क्या?
यह निर्णय प्रदेश की राजनीति और ग्रामीण प्रशासन पर गहरा असर डाल सकता है। हालांकि, सरकार का कहना है कि यह कदम प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत और समन्वयपूर्ण बनाने के लिए उठाया गया है।
क्या यह फैसला पंचायतों की कार्यक्षमता बढ़ाएगा या विवादों को जन्म देगा? यह देखना दिलचस्प होगा।