श्रीडूंगरगढ़ चातुर्मास में पहली अठाई तपस्या, 16 वर्षीय पूजा गहलोत ने दिखाया अद्भुत संयम और आत्मबल
श्रीडूंगरगढ़ चातुर्मास में इस वर्ष की पहली अठाई तपस्या का पुण्य अवसर सैन समाज की 16 वर्षीय बालिका पूजा गहलोत (नाई), पुत्री बजरंग गहलोत ने प्राप्त किया। तप अनुष्ठान का आयोजन 24 जुलाई 2025 को सुबह 9 बजे जैन संस्कार विधि के अनुसार तेरापंथ युवक परिषद, श्रीडूंगरगढ़ द्वारा अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के निर्देशन में सम्पन्न हुआ।
तपस्या पूर्ण होने के इस भावनात्मक अवसर पर साध्वी संगीतश्रीजी एवं डॉ. परमप्रभाजी ने प्रवचन देते हुए कहा— “तपस्या आत्मा को प्रबल बनाती है। संयम, संकल्प और श्रद्धा से ही जीवन में सच्ची सफलता मिलती है।”
संस्कारक प्रदीप पुगलिया, प्रमोद बोथरा और चमन श्रीमाल ने मंगलाचरण के साथ मांगलिक मंत्रोच्चार करते हुए तपस्विनी से मंगलभावना पत्र स्थापित करवाया और संपूर्ण विधि का संचालन किया। साथ ही गहलोत परिवार को तपस्या पूर्ण होने पर मंगलकामनाएँ दीं।
तपस्विनी पूजा ने दक्षिणा स्वरूप इस अवसर पर आगामी एक सप्ताह तक फास्ट फूड का त्याग किया। वहीं परिजनों ने भी धारणा अनुसार विभिन्न त्याग किए। परिवार की ओर से पूनमचंद गहलोत ने तेरापंथ युवक परिषद व संस्कारकों का आभार प्रकट किया।
तेरापंथ युवक परिषद अध्यक्ष विक्रम मालू ने कहा, “इतनी अल्पायु में ऐसा संयम, आत्मबल और तपशक्ति का परिचय देना न केवल प्रशंसनीय है, बल्कि समाज के लिए प्रेरणास्पद भी है। यह तप आज की युवा पीढ़ी के लिए अनुकरणीय संदेश है।”
तेरापंथ युवक परिषद के मंत्री पीयूष बोथरा व सहमंत्री सुमित बरडिया ने गहलोत परिवार का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस आयोजन में तेरापंथ महिला मंडल, तेरापंथी सभा, अणुव्रत समिति सहित समाज के अनेक गणमान्य जन उपस्थित रहे। प्रमुख उपस्थिति में राजस्थान गौरव भीखमचंद पुगलिया व पांचीलाल सिंघी विशेष रूप से मौजूद रहे।













