समाचार गढ़, 17 जुलाई 2024, श्रीडूंगरगढ़। इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना मुहर्रम है, जिसे मुहर्रम-उल-हराम के नाम से भी जानते हैं। यह इस्लाम के चार पवित्र महीनों में से एक है। मुहर्रम पैगंबर मुहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की मृत्यु के शोक का महीना है। इस दिन शिया समुदाय के लोग मातम मनाते हैं, जबकि सुन्नी ताजिया पुर्सी करते हैं।
श्रीडूंगरगढ़ में बुधवार को मुहर्रम का जुलूस निकाला जा रहा है। इसके मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। अधिकारियों ने जुलूस की सुरक्षा और सुचारू एग्जीक्यूशन को लेकर व्यापक इंतजाम किए हैं। जुलूस में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। ताजीए जामा मस्जिद से निकले जो मुख्य बाजार की गलियों से होते हुए NH 11 से होकर बिग्गा बास स्थित कब्रिस्तान तक जायेगा। जुलूस में गमगीन माहौल में ढ़ोल पर मातमी धुनें बजाई गई एवं अखाड़ों में करतब दिखाए गए। जुलुस में भारी संख्या में मुस्लिम समाज के लोग शामिल हुए। इसमें महिलाएं बुजुर्ग नौजवान बच्चे साथ रहें।
समाज के लोगों द्वारा शीतल पेयजल, शरबत, ज्यूस की व्यवस्था जगह जगह की गई। फ्रेंडस ग्रुप द्वारा रास्ते में छबील की स्टाल लगाई गई। इस दौरान आसिम मनियार, सदाम छिम्पा, अल्ताफ मनियार, सफीक भाटी, साजिद राईन, सर्किल मनियार, मनोज पारख और पालिका नेता प्रतिपक्ष अंजू पारख ने भाई चारे का संदेश देते हुए जुलुस में शामिल लोगों को शरबत वितरित किया।
ईमाम हुसैन फ़िक्र ए मिल्लत सोसाइटी के सेवादारों ने मोहर्रम के दिन कब्रिस्तान में 21 पौधे लगाएं साथ ही मुख्य बाजार में शरबत का वितरण किया। इस दौरान अल्ताफ सिलावट, आदिल छिम्पा, समीर भुट्टा, निजामु लुहार, साबिर चांगल, समीर बल्खी, अकबर, मुन्ना सब्जीफ्रोश हबीब चांगल, अबू साहिल भुट्टा, इमरान सब्जीफरोश, आरिज चांगल, असलम नजीर, महबूब, देवीलाल, असगर सहित अनेक सेवादार मौजूद रहे। एसबीआई बैंक गली में मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा खीर वितरण की गई। इस दौरान फारुख, पिंटू, रफ़ीख, मंजूर, इशुब, जावेद, मैनुदिन, आदि ने अपनी सेवाएं दी।