![](https://samachargarh.com/wp-content/uploads/2024/03/20240331_180850.jpg)
हृदय में भगवान की उपस्थिति रखें– संतोष सागर
मोमासर में भागवत कथा का चतुर्थ दिवस
समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़। मोमासर में मायल परिवार द्वारा आयोजित भागवत कथा में आज श्रोताओं की बड़ी उपस्थिति रही। आज की कथाओं में भगवान के सभी अवतारों की कथा सुनाई गई। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के महोत्सव को नाच गान के साथ मनाया गया। खूब उपहार बांटे गए।
आज की कथा में युवा संत संतोष सागर ने कहा कि भगवान का जन्म कहीं भी हो सकता है। लगन रहे तो एक दिन अवश्य ही भगवान का प्राकट्य आपके हृदय में हो जाएगा। उस दिन व्यक्ति का नया जन्म हो जाएगा।
चतुर्थ स्कंध की कथा में पतिव्रता नारियों की आदर्श अनुसूया माता की कथा सुनाते हुए कहा कि जो दूसरों के धर्म को खंडित करने की चेष्टा करता है, उसे अनेक संकटों का सामना करना पड़ता है। धर्मात्मा व्यक्ति की कभी भी निंदा नहीं करनी चाहिए। व्यक्ति के द्वारा स्त्री का अपमान कभी नहीं करना चाहिए। भक्त प्रहलाद की कथा सुनाते हुए कहा कि प्रहलाद का चरित्र भक्ति की दृढता को व्याख्यायित करता है। भक्ति में संकट और विचलन आते ही हैं, पर उनसे डोलना नहीं चाहिए। आपने कहा कि धन-सम्पदा की चाहत रखनेवाला हिरण्यकश्यपु है और दूसरों के धन पर दृष्टि गड़ाए रखनेवाला ही हरिण्याक्ष है।
कथा के उपरांत कलाकारों ने मधुर भजन प्रस्तुत किए। लगभग तीस विशिष्ट तथा अतिथियों को भगवान श्रीराम की सुन्दर प्रतिमा तथा दुपट्टे प्रदान किए। कथा यजमान चित्रकार बजरंगलाल सुथार का भी सम्मान किया गया। कथा के उपरांत भजनों पर भाव विह्वल होकर कथा यजमान परिजनों ने पंडाल में नृत्य किया। मंच संचालन चेतन स्वामी ने किया।
![](https://samachargarh.com/wp-content/uploads/2024/03/img-20240331-wa00065530990332876680859-1024x683.jpg)
![](https://samachargarh.com/wp-content/uploads/2024/03/img-20240331-wa00058605787227725479058-1024x683.jpg)