दिनांक 26- 04-2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
हरा रुमाल देता है व्यापार में उन्नति जाने कैसे ?
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 26/ 04 /2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – ग्रीष्म
* अयन- उत्तरायण
* मास – वैशाख
* पक्ष- शुक्ल
* तिथि- षष्ठी प्रातः 11:24 बजे उपरांत सप्तमी
* वार- बुधवार
* नक्षत्र – पुनर्वसु अहोरात्र
* योग- सुकर्मा प्रातः 08:03 बजे उपरांत धृति
करण- तैतिल -11:24:36 A.M. 2 गर- 24:30:06 A.M. उपरांत 3 वणिज
चंद्र राशि – मिथुन रात्रि 24:14 बजे उपरांत कर्क
चंद्र बल – मेष, वृषभ,मिथुन,सिंह, कन्या, तुला, धनु, मकर,कुंभ रात्रि 24:14 बजे उपरांत वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन
सम्वत् नाम – पिंगल
सूर्योदय – 06:05 A.M. सूर्यास्त – 06:59 P.M.
दिनमान – 12:54
रात्रिमान – 11:05 *अशुभ समय* यमगण्ड - प्रातः 7:30 से 9:00 तक राहुकाल- दोपहर 12:00 से 1:30 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
- प्रातः 09:18:30 से 10:55:15 बजे तक
- रात्रि 03:17:45 से 04:40:52 बजे तक
गुलिक काल – प्रातः 10:30 से 12:00 बजे तक
दिशा शूल – उत्तर दिशा में यात्रा विशेष वर्जित एवं यथासंभव सभी दिशाओं की यात्राओं को टालें
चौघड़िया ( दिन)
1.लाभ- प्रातः 06:05 से 07:41:45 तक
2.अमृत-प्रातः 07:41:45 से 09:18:30 तक
3.काल-प्रातः 09:18:30 से 10:55:15 तक (कालवेला निषेध)
4.शुभ-प्रातः 10:55:15 से 12:32 तक
5.रोग- दोपहर 12:32 से 02:08:45 तक(वारवेला निषेध)
6.उद्वेग-दोपहर 02:08:45 से 03:45:30 तक
7.चंचल- सायं 03:45:30 से 05:22:15 तक
8.लाभ-सायं 05:22:15 से 06:59 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.उद्वेग-रात्रि 06:59 से 08:22:07 तक
2.शुभ-रात्रि;08:22:07 से 09:45:15 तक
3.अमृत-रात्रि 09:45:15 से 11:08:22 तक
4.चंचल-रात्रि 11:08:22 से 12:31:30 तक
5.रोग-रात्रि 12:31:30 से 01:54:37 तक
6.काल-रात्रि 01:54:37 से 03:17:45 तक
7.लाभ-रात्रि 03:17:45 से 04:40:52 तक(कालवेला निषेध)
8.उद्वेग-रात्रि 04:40:52 से 06:04 तक
विशेष दिन- श्री गंगा सप्तमी
विशेष – बुध ग्रह को व्यापार का प्रबल कारक माना जाता है एवं व्यापार में सफलता के लिए जन्म कुंडली में बुध ग्रह का प्रबल होना अति आवश्यक होता है। क्योंकि बुद्ध ग्रह बुद्धि, विवेक, तेज और सोच विचार की गहरी शक्ति प्रदान करता है। अतः जिन व्यापारियों के व्यापार क्षेत्र में बाधाएं आ रही है उन्हें बुधवार के दिन हरे रंग का रुमाल अवश्य अपने पास रखना चाहिए इससे धीरे-धीरे सभी प्रकार की व्यापारिक बाधाएं दूर हो जाती है।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721