दिनांक 03-03-2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 03/03/2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2079
शक संवत् – 1944
* ऋतु – बसंत
* अयन- उत्तरायण
* मास – फाल्गुन
* पक्ष- शुक्ल
* तिथि- एकादशी प्रातः 09:07 बजे उपरांत द्वादशी
* वार- शुक्रवार
* नक्षत्र – पुनर्वसु सायं 03:38 बजे उपरांत पुष्य
* योग- सौभाग्य रात्रि 18:39:12 बजे उपरांत शोभन
* करण- 1 विष्टि (भद्रा)– 09:07:12 A.M. 2बव* -22:23:12 P.M. 3 बालव
* चंद्र राशि – मिथुन प्रातः 08:53 बजे उपरांत कर्क
चंद्र बल – मेष, वृषभ, मिथुन,सिंह, कन्या,तुला,धनु, मकर, कुंभ प्रातः 08:53 बजे वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन
सम्वत् नाम – शुभकृत
सूर्योदय – 07:00 A.M. सूर्यास्त- 06:32 P.M.
दिनमान – 11:32
रात्रिमान – 12:28 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न - 12:22 से 1:10 बजे तक
अशुभ समय
यमगण्ड – सायं 3:00 से 4:30 बजे तक राहुकाल- प्रातः 10:30 से 12:00 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
1.प्रातः11:19:30 से 12:46 बजे तक 2.रात्रि 09:39:00 से 11:12:30 बजे तक
गुलिक काल – प्रातः 7:30 से 9:00 बजे तक
दिशा शूल – पश्चिम दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.चंचल- प्रातः 07:00 से 08:26:30 तक
2.लाभ-प्रातः 08:26:30 से 09:53:00 तक 3.अमृत-प्रातः 09:53:00 से 11:19:30 तक (वार वेला निषेध)
4.काल-प्रातः 11:19:30 से 12:46 तक (कालवेला निषेध)
5.शुभ- दोपहर 12:46 से 02:12:30 तक
6.रोग-दोपहर 02:12:30 से 03:39:00 तक
7.उद्वेग-सायं 03:39:00 से 05:05:30 तक
8.चंचल-सायं 05:05:30 से 06:32 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.रोग- रात्रि 06:32 से 08:05:30 तक
2.काल-रात्रि 08:05:30 से 09:39:00 तक
3.लाभ-रात्रि 09:39:00 से 11:12:30 तक (कालवेला निषेध)
4.उद्वेग-रात्रि 11:12:30 से 12:46:00 तक
5.शुभ-रात्रि 12:46:00 से 02:19:30 तक
6.अमृत-रात्रि 02:19:30 से 03:53:00 तक
7.चंचल-रात्रि 03:53:00 से 05:26:30 तक
8.रोग-रात्रि 05:26:30 से 06:59 तक
दिन विशेष- अमला एकादशी व्रत, श्री खाटु श्याम जी मेला आरंभ
वार विशेष- यदि आपकी जन्मकुंडली या गोचर कुंडली में शुक्र ग्रह किसी भी प्रकार से पीड़ित हैं तो शुक्रवार को चांदी की माला धारण करें।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721