
समाचार गढ़, 9 मार्च, श्रीडूंगरगढ़। रमज़ान का पाक महीना इबादत, संयम और आत्मशुद्धि का प्रतीक है, और इस बार श्रीडूंगरगढ़ में इसका एक अलग ही दृश्य देखने को मिल रहा है। यहां 6 से 9 वर्ष की उम्र के मासूम बच्चे भी पूरे जज़्बे और श्रद्धा के साथ रोज़े रख रहे हैं। सुबह से लेकर शाम तक बिना कुछ खाए-पिए ये नन्हे रोज़ेदार अल्लाह की राह में खुद को समर्पित किए हुए हैं।

इन मासूम बच्चों का आत्मविश्वास और अल्लाह पर अटूट यक़ीन देखते ही बनता है। जैसे ही शाम को इफ्तार का वक़्त होता है, ये बच्चे सबसे पहले इबादत में जुट जाते हैं और अमन, शांति व अपने परिवार की सलामती के लिए दुआ मांगते हैं।
इन बच्चों को देखकर घर के बड़े भी प्रेरित हो रहे हैं और रमज़ान के इस माहौल को और भी पाकीज़ा बना रहे हैं। समाज के लोग इन नन्हे रोज़ेदारों की इस आस्था को देखकर अभिभूत हैं और इसे आने वाली पीढ़ी में धार्मिक मूल्यों के प्रति जागरूकता का प्रतीक मान रहे हैं।