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वन्य जीवों के लिए जी का जंजाल बने झटका तार, रोज घायल हो रहे वन्य जीव, नील गाय के बच्चे का रेस्क्यू कर बचाई जान देखे फोटो सहित पूरी खबर

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समाचार गढ़  25 अप्रैल 2025 खेतों में लगाए जा रहे झटका मशीन के तार वन्य जीवों के लिए जी का जंजाल साबित हो रहे हैं। झटका मशीन के तारो की चपेट में आकर हर आए दिन वन्य जीव घायल हो रहे हैं। जो चिंता का विषय बनता जा रहा है। श्री डूंगरगढ़ क्षेत्र में कृषि कुओं की अधिकता के कारण किसान खेतों में अपनी फसलों को बेसहारा जानवरों से बचाने के लिए झटका मशीन का प्रयोग करते हैं जो बेजुबान जानवरों पर भारी पड़ रहा है। चारा पानी की तलाश में वन्य जीव इन तारो की चपेट में आकर घायल हो जाते हैं। श्री डूंगरगढ़ क्षेत्र गांव सातलेरा में पिछले एक सप्ताह में ही तीन नील गाय का रेस्क्यू कर जान बचाई गई है। गुरुवार रात को इस गांव की रोही में घायल अवस्था में तड़प रही नील गाय को वन विभाग द्वारा बचाया गया था शुक्रवार सुबह फिर एक नील गाय के बच्चे का रेस्क्यू कर विभाग द्वारा जान बचाई गई।

श्री डूंगरगढ़ के गांव सातलेरा की रोही में वन विभाग द्वारा नील गाय का रेस्क्यू कर बचाई जान।
खेतों में झटका मशीन के तार वन्य जीवों के लिए बने जान का जोखिम ।इनसेट में तारो की चपेट में आने से जख्मी हुआ नील गाय का पैर।

वन विभाग के कार्मिक रोहिताश ने बताया कि आज सुबह राजूराम जाखड़ ने सूचना दी कि एक नील गाय का बच्चा जख्मी हालत में तड़प रहा है। राजूराम की सूचना पर वन विभाग के कार्मिक रोहिताश एवं सुरेश एंबुलेंस लेकर मौके पर पहुंचे। कार्मिक सुरेश कुमार ने बताया कि सातलेरा गांव के जीव प्रेमी सुशील कुमार शर्मा,ताराचंद,राजूराम,मुनीराम सिवाच के सहयोग से नील गाय के बच्चे का रेस्क्यू किया गया है। नील गाय के बच्चे के पैरों में गंभीर घाव होने से चलने में असमर्थ हैं। वन विभाग के कार्मिक रोहिताश एवं सुरेश कुमार ने बताया कि सातलेरा गांव की रोही में पिछले एक सप्ताह में तीन नील गाय का रेस्क्यू किया गया। तीनों ही मामले में सामने आया कि किसी नुकीली तारो की चपेट में आने से वन्य जीव गंभीर रूप से घायल हुए है। सातलेरा रोही से एक सप्ताह में तीन नील गाय का रेस्क्यू किया गया। तीनों ही नील गाय पैरों से गंभीर रूप से जख्मी पाई गई है।वन विभाग के कार्मिक सुरेश कुमार ने बताया कि इस समय खेतों में फसलें निकालने का लगभग पूरा हो गया है अभी बिजान में समय होने के कारण पानी की जरूरत नहीं होने के कारण किसान ट्यूबवेल कम चलाते हैं। पानी चारा की तलाश में यह वन्य जीव रात को घूमते रहते हैं। रात के समय में इन वन्य जीवों को झटका मशीन के पतले तार दिखाई नहीं देते जिसके कारण इन नुकीले तारो की चपेट में आकर घायल हो जाते हैं।
वन विभाग के कार्मिकों ने जीव प्रेमियों से अपील करते हुए कहा कि कई कोई वन्य जीव घायल अवस्था में दिखाई दे तो तुरंत वन विभाग को सूचना दे ताकि समय पर जान बचाई जा सके।साथ ही किसानों से अपील की है कि अगर खेतों में आवश्यकता नहीं हो तो इन तारो को समेट कर रखे ताकि कोई वन्य जीव इन तारो की चपेट में आकर जान नहीं गंवाए ।

Ashok Pareek

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