समाचारगढ़ श्री डूंगरगढ़, 24 अगस्त 2024: पेयजल की समस्या से जूझ रहे बीकानेर जिले के गांव सातलेरा के निवासी विभागीय उदासीनता का शिकार हो रहे हैं। जहां सरकार हर साल पेयजल आपूर्ति के लिए करोड़ों रुपए खर्च करती है, वहीं सातलेरा गांव के दो नलकूप पिछले दो महीनों से बंद पड़े हैं। इसके चलते गांव में पानी की भारी किल्लत बनी हुई है और ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
गांव में स्थित दोनों नलकूपों की मोटरें जलदाय विभाग द्वारा बदल दी गई हैं, लेकिन फिर भी विद्युत आपूर्ति में व्यवधान के कारण ये नलकूप चालू नहीं हो पा रहे हैं। मुख्य समस्या यह है कि नलकूप और घरों की बिजली आपूर्ति एक ही ट्रांसफार्मर से की जा रही है, जिससे पूरे वोल्टेज की सप्लाई नहीं हो पाती और मोटरें बार-बार जल जाती हैं।
ग्रामीणों ने कई बार विद्युत विभाग को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं निकाला गया है। गांव के लोग पानी के टैंकर मंगवाकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं, लेकिन इस अस्थाई समाधान से भी ग्रामीण थक चुके हैं। स्कूल, गौशाला और घरों में भी पानी की किल्लत के चलते स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
ग्रामीण सुगनाराम जाखड़ सहित अन्य लोगों ने बताया कि विभाग की इस उदासीनता के कारण गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। ग्रामीणों का धैर्य अब जवाब दे रहा है और यदि जल्द ही समाधान नहीं हुआ, तो उन्हें धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों से मांग की है कि नलकूपों की विद्युत आपूर्ति को घरों की आपूर्ति से अलग किया जाए ताकि पेयजल आपूर्ति को बहाल किया जा सके।