दिनांक 24- 04-2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
आज गणपति करेंगे सभी संकट दूर जानें कैसे ?
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 24/ 05 /2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – वसंत
* अयन- उत्तरायण
* मास – ज्येष्ठ
* पक्ष- शुक्ल
* तिथि- पंचमी रात्रि 26:57 बजे उपरांत षष्ठी
* वार- बुधवार
* नक्षत्र – पुनर्वसु सायं 15:03 बजे उपरांत पुष्य
* योग- गण्ड सायं 17:16:24 बजे उपरांत वृद्धि
करण- 1 बव- 13:54 P.M. 2 बालव- 26:55:30 A.M. उपरांत कौलव
चंद्र राशि – मिथुन प्रातः 08:24 बजे उपरांत कर्क
चंद्र बल – मेष, वृषभ,मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मकर,कुंभ प्रातः 08:24 बजे उपरांत वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन
सम्वत् नाम – पिंगल
सूर्योदय – 05:48 A.M. सूर्यास्त – 07:14 P.M.
दिनमान – 13:26
रात्रिमान – 10:35 *अशुभ समय* यमगण्ड - प्रातः 7:30 से 9:00 तक राहुकाल- दोपहर 12:00 से 1:30 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
- प्रातः 09:09:30 से 10:50:15 बजे तक
- रात्रि 03:08:45 से 04:27:52 बजे तक
गुलिक काल – प्रातः 10:30 से 12:00 बजे तक
दिशा शूल – उत्तर दिशा में यात्रा विशेष वर्जित एवं यथासंभव सभी दिशाओं की यात्राओं को टालें
चौघड़िया ( दिन)
1.लाभ- प्रातः 05:48 से 07:28:45 तक
2.अमृत-प्रातः 07:28:45 से 09:09:30 तक
3.काल-प्रातः 09:09:30 से 10:50:15 तक (कालवेला निषेध)
4.शुभ-प्रातः 10:50:15 से 12:31 तक
5.रोग- दोपहर 12:31 से 02:11:45 तक(वारवेला निषेध)
6.उद्वेग-दोपहर 02:11:45 से 03:52:30 तक
7.चंचल- सायं 03:52:30 से 05:33:15 तक
8.लाभ-सायं 05:33:15 से 07:14 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.उद्वेग-रात्रि 7:14 से 08:33:07 तक
2.शुभ-रात्रि;08:33:07 से 09:52:15 तक
3.अमृत-रात्रि 09:52:15 से 11:11:22 तक
4.चंचल-रात्रि 11:11:22 से 12:30:30 तक
5.रोग-रात्रि 12:30:30 से 01:49:37 तक
6.काल-रात्रि 01:49:37 से 03:08:45 तक
7.लाभ-रात्रि 03:08:45 से 04:27:52 तक(कालवेला निषेध)
8.उद्वेग-रात्रि 04:27:52 से 05:47 तक
वार विशेष – बुधवार के दिन भगवान गणेश की विशेष आराधना करते हुए इन 12 नामों का पठन अवश्य करना चाहिए।
1.वक्रतुण्ड 2.एकदन्त 3.कृष्णपिड्गाक्ष 4.गजवक्त्र 5.लम्बोदर 6. विकट 7.विघ्नराजेन्द्र 8.धूम्रवर्ण 9.भालचन्द्र 10.विनायक 11. गणपति 12. गजानन
इन 12 नामों का त्रिकाल पाठ करने वालों को किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता है। यह नाम सभी प्रकार की सिद्धियां प्रदान करने वाले हैं। ऐसा करने से विद्यार्थियों को विद्या, धनाभिलाषी को धन, पुत्र अभिलाषी को पुत्र एवं मोक्ष अभिलाषी को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721