समाचार गढ़, 5 सितम्बर, श्रीडूंगरगढ़। पर्युषण महापर्व के पांचवें दिन अणुव्रत चेतना दिवस का आयोजन श्रीडूंगरगढ़ सेवा केंद्र में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत अणुव्रत गीत “बदले युग की धारा” के संगान से साध्वी समयक्त्व प्रभा ने की। साध्वी सुमंगलाश्री ने आगम वाणी के वाचन से जन – जन को आप्लावित किया और भगवान ऋषभ देव के पूर्व भव पर प्रकाश डाला। सेवा केंद्र व्यवस्थापिका शासनश्री साध्वी कुंथुश्री ने प्रवचन देते हुए बताया कि पर्युषण पर्व मैत्री का पर्व है, बिखरे रिश्ते जोड़ने का पर्व है, आत्मालोचन का पर्व है। साध्वी ने अणुव्रत का अर्थ बताते हुए कहा कि आध्यात्मिक विकास और प्रामाणिकता के लिए जो छोटे-छोटे संकल्प किए जाते हैं यही अणुव्रत है। छोटे – छोटे नियम से व्यक्ति संयम के पथ पर अग्रसर हो सकता है।
अणुव्रत वर्ण, जाति, संप्रदाय से मुक्त एक ऐसा अनूठा राजमार्ग है जो भटके हुए मानव का पथ दर्शन करता है। स्वस्थ समाज की संरचना में अणुव्रत की अहम भूमिका रही है। अणुव्रत लोकल ट्रेन की तरह है जिससे सर्वसाधारण व्यक्ति भी लाभान्वित हो सकता है। इस अवसर पर साध्वी ने उपस्थित जनमानस को अणुव्रत संकल्प स्वीकार करने की प्रेरणा दी।
शनिवार 21 सितम्बर 2024 के पंचांग के साथ देखें चौघड़िया
पंचांगतिथि:चतुर्थी, 18:18 तकनक्षत्र:भरणी, 24:38 तकयोग:व्याघात, 11:34 तकप्रथम करण:बावा, 07:42 तकद्वितिय करण:बालवा, 18:18 तकवार:शनिवार अतिरिक्त जानकारीसूर्योदय:06:25सूर्यास्त:18:27चन्द्रोदय:20:44चन्द्रास्त:09:45शक सम्वत:1946 क्रोधीअमान्ता महीना:भाद्रपदपूर्णिमांत:आश्विनसूर्य राशि:कन्याचन्द्र राशि:मेषपक्ष:कृष्ण अशुभ मुहूर्तगुलिक काल:06:25 − 07:56यमगण्ड:13:56 − 15:27दूर मुहूर्तम्:22:32 − 22:3422:34…