समाचार, गढ़, श्रीडूंगरगढ़। चुन्नीलाल सोमानी राजस्थानी कथा पुरस्कार समारोह के अवसर पर राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डाॅ दुलाराम सारण ने कहा कि अकादमियां लेखकों को सम्मान तो दे सकती है, किंतु लेखकों को तैयार करने में अपना कोई अधिक योगदान नहीं दे सकती। यह काम साहित्यिक संस्थाएं अधिक गंभीरता से कर सकती हैं। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि राजस्थानी भाषा मान्यता प्रयास के ये आखरी वर्ष हैं। यह आखरी पीढ़ी चल रही है, जिसके मन में मातृभाषा का दर्द है। अगली पीढ़ी तो भाषा को भूल चुकी होगी। जन आंदोलन को अब सरकारें तवज्जो नहीं देती। राजस्थानी की मान्यता के लिए तो अब नई रणनीति अपनाने की जरूरत है।
चतुर्थ चुन्नीलाल सोमानी राजस्थानी कथा पुरस्कार डाॅ भरत ओळा के उपन्यास “नाॅट रिचेबल” पर प्रदान किया गया। उन्हें पुरस्कार स्वरूप इकतीस हजार रुपये की राशि, शाॅल, श्रीफल भेंट किए गए। पुरस्कार समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कवि कथाकार मालचंद तिवाड़ी ने कहा कि लेखक सहस्र आंखों वाला होना चाहिए। उसका रचा इतना विश्वसनीय हो कि हर पाठक को वह अपना सा लगे और सत्य प्रतीत हो। भरत ओळा की खासियत है कि उनकी हर कृति बेहद पठनीय होती है।
समारोह के प्रारंभ में पुरस्कार प्रायोजक उद्योगपति लक्ष्मी नारायण सोमानी ने कहा कि भाषा से संस्कृति जुड़ी हुई है, भाषा को नहीं रखोगे तो हजारों वर्षों से संरक्षित हमारी सांस्कृतिक धरोहर चली जाएगी। भाषा हमारे आनंदमय जीवन की धुरी है।
अध्यक्षीय वक्तव्य के द्वारा राजस्थानी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष श्याम महर्षि ने कहा कि राजस्थानी भाषा की मान्यता का प्रश्न हमारी केन्द्र और राज्य सरकार की इच्छा शक्ति पर टिका हुआ है। सरकारें चाहे तो यह चुटकियों का खेल है। उन्होंने इस बात पर अधिक जोर दिया कि राजस्थानी हमारे घरों से न जाए।
पुरस्कार प्राप्तकर्ता डाॅ भरत ओळा ने कहा कि राजस्थानी लेखक दो तीन मोर्चों पर अपनी लड़ाई लड़ता है। एक ओर वह भाषा के लिए आंदोलन करता है दूसरी ओर उसके सामने बड़ी चुनौती अपने लिखे को पाठकों तक पहुंचाने की है। राजस्थानी भाषा के कार्यों को राजस्थानी उद्योगपति अपना अर्थ सहयोग देकर सुगम बना सकते हैं।
पुरस्कार समारोह में डाॅ चेतन स्वामी, शंकरसिंह राजपुरोहित,पर्यावरणविद् ताराचंद इन्दौरिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए। संचालन डाॅ चेतन स्वामी ने किया।
शनिवार 21 सितम्बर 2024 के पंचांग के साथ देखें चौघड़िया
पंचांगतिथि:चतुर्थी, 18:18 तकनक्षत्र:भरणी, 24:38 तकयोग:व्याघात, 11:34 तकप्रथम करण:बावा, 07:42 तकद्वितिय करण:बालवा, 18:18 तकवार:शनिवार अतिरिक्त जानकारीसूर्योदय:06:25सूर्यास्त:18:27चन्द्रोदय:20:44चन्द्रास्त:09:45शक सम्वत:1946 क्रोधीअमान्ता महीना:भाद्रपदपूर्णिमांत:आश्विनसूर्य राशि:कन्याचन्द्र राशि:मेषपक्ष:कृष्ण अशुभ मुहूर्तगुलिक काल:06:25 − 07:56यमगण्ड:13:56 − 15:27दूर मुहूर्तम्:22:32 − 22:3422:34…