समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़, 25 सितंबर 2025।
अपर सेशन न्यायालय श्रीडूंगरगढ़ की न्यायाधीश सरिता नौशाद ने 12 साल पुराने हत्या के मामले में आरोपी अमराराम पुत्र दुलाराम, निवासी कुंतासर को आजीवन कारावास और ₹30,000 अर्थदंड से दंडित किया है।
सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि “हत्या का अपराध न केवल जघन्य है बल्कि इससे समाज की अंतरचेतना प्रतिकूल रूप से प्रभावित होती है। अभियुक्त का कृत्य मानवीय संवेदनशीलता और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत निकृष्ट है। यदि ऐसे अपराधों पर उचित दंड न दिया जाए तो यह अन्य अपराधियों को प्रोत्साहित करेगा और न्याय का हनन होगा।”
आखिर क्या था मामला?
30 जुलाई 2013 को परिवादी आदूराम पुत्र कानाराम, निवासी कुंतासर ने श्रीडूंगरगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।
उसने बताया कि उसका भतीजा मुनीराम 29 जुलाई को सुबह 8 बजे आरोपी अमराराम के खेत में काम करने गया था। कुछ घंटों बाद मुनीराम का शव खेत में मिला, जिसके शरीर पर जलने के निशान थे।
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की। मामले में 21 गवाहों और 16 प्रदर्शों को न्यायालय में पेश किया गया।
अभियोजन की दलीलें
अपर लोक अभियोजक सोहन नाथ सिद्ध ने न्यायालय में आरोपी को सख्त सजा देने की पैरवी की।
वहीं परिवादी पक्ष के अधिवक्ता अबरार मोहम्मद ने भी घटना की गंभीरता को उजागर करते हुए न्याय दिलाने की मांग की।
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एडीजे सरिता नौशाद ने आरोपी को आजीवन कारावास और 30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।










