समाचार-गढ़, श्रीडूंगरगढ़। मरुधरा का किसान हमेशा संघर्ष करता आया है कभी अतिवृष्टि, तो कभी ओलावृष्टि, तो कभी सूखे का सामना करना मानो किसानों के भाग्य में लिखा हो ।
इस बार अच्छे जमाने की आस लगाए किसानों ने जमकर खेती करते हुए बुवाई की थी शुरू में अच्छी बरसात होने के कारण फसलें भी काफी अच्छी लहलहाने लगी थी लेकिन यह किसानों का दुर्भाग्य कहा जाएगा कि जब फसलें पकाव पर आईं तब बारिश की सख्त आवश्यकता होने पर बारिश नहीं होने से फसले कमजोर रह गई ओर फसलों में नाममात्र का फाल आकर रह गया ।
मौसम विभाग द्वारा आठ नौ अक्टूबर को बीकानेर जिले में बारिश की आशंका जताई गई है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक आज आसमान में काले बादलों की घटाएं उमड़ रही है। शनिवार सुबह से ही आसमान में छाए काले बादलों को देखकर किसानों की धड़कन बढ़ती जा रही है। किसानों को आशंका है कि बरसात होने पर फसलें बर्बाद हो जाएगी । क्योंकि अब किसान मोठ, ग्वार, मूंग,बाजरे की फसल की कटाई में जुटे हुए हैं। कुछ किसानों ने फसलों को काटकर एक जगह पर इकट्ठा भी कर लिया है ऐसे में बरसात होने पर फसलों को नुकसान की पूरी आशंका किसानों को सता रही है। सातलेरा गांव के किसान रामचंद्र मेहरा, मांगीलाल लुहार, राजू राम जाखड़, बगता राम आदि ने बताया कि किसान खेतों में फसलों को समेटने में जुटे हुए हैं अगर बे मौसम बरसात हो गई तो किसानों की मेहनत पर पानी फिरते देर नहीं लगेगी । किसानों का कहना है कि पहले से ही फसलों में पूरा फाल नहीं होने की वजह से फसलें कमजोर है। ऐसे में बारिश होने पर किसानों की मेहनत मिट्टी में मिल जाएगी । अभय सिंह पुरा के किसान प्रेम नाथ सहित नारसिसर के किसान मालाराम गोदारा ने समाचार गढ़ से बातचीत में बताया कि फसलें कमजोर होने से किसान पहले से ही कमजोर नजर आ रहा है किसान वर्ग जैसे तैसे करके फसलों को समझने में लगा हुआ है। पिछले दो दिन से मौसम में आए परिवर्तन को देखकर किसानों की धड़कन लगातार बढ़ती जा रही है। किसान भगवान से अरदास लगा रहे हैं कि अब बरसात नहीं हो तो अच्छा रहेगा ।सिंचित भूमि पर मूंगफली की अगेती फसल को भी किसानों ने काटनी शुरू कर दी है ऐसे में बरसात होने पर किसानों ने नुकसान की आशंका जताई है।
काली घटाओं ने बढ़ाई किसानों की धड़कन, फसलों को समेटने में जुटे किसान
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