समाचार-गढ़, श्रीडूंगरगढ़। शरद पूणिर्मा के अवसर पुनरासर धाम में शृंगाररित राम दरबार व हनुमानजी की प्रतिमा पर सुबह चार बजे विशेष शृंगार किया गया। इस अवसर पर पूणिर्मा की पूर्व सध्या पर जागरण का आयोजन किया गया। पुजारी ट्रस्ट द्वारा आटा, घी व शकर के प्रसाद का वितरण किया गया।
शरद पूर्णिमा पर पूनरासर हनुमान के दर्शन-पूजन के लिए शनिवार को श्रीडूंगरगढ़ कस्बे व गांवों के अनेक क्षेत्रों से श्रद्धालु पैदल व विभिन्न साधनों से पूनरासर के लिए रवाना हुए और पूनरासर हनुमानजी के दर्शन किए। पैदल यात्रियों के लिए जगह-जगह चाय, पानी, नाश्ते की सेवा कस्बे के नागरिकों ने लगा रखी थी। आज भी श्रद्धालु पूनरासर में दर्शन-पूजन करेंगे। साथ ही महाआरती में भाग लेंगे। श्री पूनरासर हनुमानजी धाम की स्थापना लगभग 300 साल पहले हुई थी।
मंदिर परिसर में विद्यमान खेजड़ी के नीचे हनुमान जी की मूर्ती को स्थापित कर के पुजा अर्चना प्रारंभ की गई। खेजड़ी धाम मंदिर में ही बच्चो का झड़ूला तथा विवाह का गंठजोड़ा की जात लगाई जाती हैं
इस मंदिर में पुजारी भभूताराम जी नाई के वंशज है जो लगातार पीढ़ी दर पीढ़ी पूजा अर्चना करते आ रहे हैं।
इसी मंदिर परिसर में हनुमान जी महाराज आदेश से रामदरबार की स्थापना की गई जिसमें पूजा अर्चना पूनरासर गांव के ही जयराम दास जी बोथरा के वंशज पूजा करते आ रहे हैं।
पूनरासर धाम में सर्वप्रथम रामदरबार में धोक लगाने के बाद खेजड़ी मंदिर मे धोक लगाई जाती है और उसी खेजड़ी के मनोनामना के लिए नारियल बांधा जाता है तथा मनोकामना पूर्ण होने पर वापिस आकर नारियल खोलने की परंपरा है।
प्रतिवर्ष भव्य स्थापना दिवस का आयोजन ज्येष्ठ सुदी पूर्णिमा को किया जाता है। प्रतिवर्ष तीन वृहद मेलों का आयोजन 1- चेत्र सुदी पूर्णिमा 2- आसोज सुदी पूर्णिमा 3- भादवा सुदी छट के उपरान्त पड़ने वाला प्रथम मंगलवार अथवा शनिवार को होता है।
श्रद्धालुओं ने पूनरासर हनुमानजी के किए दर्शन, जगह-जगह पैदल यात्रियों के लिए कस्बेवासियों ने की सेवा
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