बीकानेर। बीकानेर में नशे का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। जिले ही नहीं पूरे सम्भाग में नशे का व्यापार लगातार बढ़ता जा रहा है। बीकानेर में इन दिनों मेडिकल स्टोर समेत अन्य दुकानों व होटल-ढाबों पर नशे की टेबलेट, डोडा-पोस्त, गांजा, अफीम समेत अन्य मादक पदार्थ आसानी से मिल रहे हैं। हालांकि पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। पिछले एक महीने में एनडीपीएस एक्ट के तहत बीकानेर में 16 और बीकानेर रैंज में 113 मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। ये दर्ज मामले कारोबार की गम्भीरता बताते हैं। नशे के कारोबार में अधिकांश युवा है, जिनकी उम्र 18 से 28-30 साल के बीच है।
हालांकि पुलिस एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज कर रही है लेकिन कारोबार की जड़ तक नहीं पहुंचा जा रहा। छोटे मोटे अपराधी पकड़ में आ रहे हैं लेकिन सप्लाई कहां से हो रही, उसका मूल केन्द्र कहां है, इसकी तह तक नहीं पहुंचा जा रहा। पुलिस आज तक यह भी पता नहीं लगा पाई है कि इस गोरखधंधे के मुख्य सूत्रधार कौन हैं ?
नशे का गोरखधंधा सिर्फ बीकानेर जिले तक ही नहीं है, यह सम्भाग के शेष तीन और जिलों में भी फैला हुआ है। इस बारे में बीकानेर रैंज के पुलिस महानिरीक्षक ओम प्रकाश पासवान ने कहा कि बीकानेर रैंज में पिछले एक महीने में 113 प्रकरण दर्जै किए गए हैं। अब तक 36 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। बीकानेर रैंज के चारो जिलों में अफीम, डोडा पोस्त, हेरोईन, स्मैक, नशीले टेबलेट, चिट्टा आदि बरामद हुए है। आईजी ने कहा कि उनका फोकस सीमावर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में है। जहां हम पुलिस पब्लिक पंचायत कर रहे हैं और लोगों से सहयोग लेे रहे हैै कि कहां कहां ड्रोन डोपिंग हो रही है। पंजाब के उन रूट्स पर हमारी नजर है, जहां से सप्लाई की आशंका है। । साथ ही भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनी सड़क पर भी हम औचक निरीक्षण कर रहे हैं। जगह जगह नाकाबंदी कर रहे हैं। विद्यार्थियों में जागरूकता के लिए पुलिस-विद्यार्थी चौपाल में बता रहे हैं। हम पुलिस-विद्यार्थी चौपाल लगा रहे है, जिसमें स्टूडेंट को जागरूक कर रहे हैं। नशा कहां से आ रहा है, इस सवाल पर आईजी पासवान ने कहा कि रूट की हमे सूचना है , हम इसपर कार्रवाई कर र हे हैं।
नशा कारोबार के तार किससे जुड़े हैं? बीकानेर में नशीले पदार्थों की आपूर्ति कहां से हो रही है,? इन सवालों के जवाब में जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि बीकानेर में जोधपुर और पंजाब की तरफ से आपूर्ति हो रही है। चुंकि बीकानेर बीच में है इसलिए यहां आपूर्ति भी आसानी से हो रही है। उन्होंने कहा कि बीकानेर क्षेत्र में ज्यादातर डोडा-पोस्त, अफीम के ही केस आए हैं, टेबलेट, चिट्टा और एमडी की मात्रा कम है। इसकी रोकथाम के लिए गहन नाकाबंदी, आसपास के जिलों से समन्वय बनाकर सूचनाएं हासिल करना और वांछित अपराधियों की धरपकड कर हम इसे काफी हद तकरोकने में कामयाब हुए हैं।