
समाचार गढ़, 4 मार्च 2025। जलवायु परिवर्तन का प्रभाव अब महासागरों की सबसे ताकतवर धाराओं पर भी पड़ने लगा है। वैज्ञानिकों के अनुसार, अंटार्कटिक सर्कम पोलर करंट (ACC), जो प्रति सेकंड 17.3 करोड़ घन मीटर पानी ले जाती है, 2025 तक 20% तक धीमी हो सकती है।
यह बदलाव पूरे अंटार्कटिक क्षेत्र के लिए खतरे की घंटी है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे एक दुष्चक्र शुरू होगा, जिसके कारण बर्फ तेजी से पिघलेगी और समुद्री जलस्तर में बढ़ोतरी होगी। इसके साथ ही, वैश्विक तापमान भी तेज़ी से बढ़ने की आशंका है।
ACC धारा खाड़ी की धारा से चार गुना अधिक ताकतवर है और महासागरीय कन्वेयर बेल्ट की तरह काम करती है। यह पूरे ग्रह के जल, उष्मा और पोषक तत्वों के संतुलन को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। अगर यह धारा कमजोर पड़ती है, तो इसके गंभीर वैश्विक परिणाम हो सकते हैं।