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श्रीडूंगरगढ़ में राम कथा में सुनाए बनवास के प्रसंग, कल होगा समापन

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रामकथा का छठा दिवस, कल होगा समापन

समाचार-गढ़, 17 फरवरी, श्रीडूंगरगढ़। गौमाता भंडारा में आयोजित सप्त दिवसीय श्री रामकथा के छठे दिन राम बनवास की कथा सुनाते हुए मधुर वक्ता युवा संत संतोष सागर ने कहा कि कैकयी का चरित्र गहन है। कैकयी के चरित्र को समझे बिना उसे बुरा भला कहना अज्ञानता सूचक है। कैकयी अगर अपने ऊपर बदनामी का ठीकरा न लेती तो, रामजी के मनोरथ कभी पूरे नहीं होते। कैकयी जैसा बलिदान कोई नहीं दे सकता। युवा संत ने कहा कि रामकथा, जीवन जीने की कला बताती है। इसके एक एक चरित्र मर्यादाओं में बंधे हुए हैं और बताते हैं कि जीवन किस रीति से जीना चाहिए। रघुकुल के लोग वचन पालन के लिए अपने प्राणों की परवाह नहीं करते हैं, पर हम पग पग पर अपने वचनों को हारते चलते हैं। रामचरित हमें यह बताता है कि हर व्यक्ति अपने धर्म का पालन करता रहे,तो समाज में कभी विसंगतियों का प्रवेश होगा ही नहीं।
केवट प्रसंग में कहा कि राम सत्य, प्रेम, करुणा की प्रतिमूर्ति हैं और केवट भगति से भरपूर है, वह भाव से भरे हैं।
कथा के दौरान नगरपालिका के अध्यक्ष मानमल शर्मा ने शाॅल साफा भेंटकर युवा संत का सम्मान किया। इस अवसर पर साहित्यकार डाॅ चेतन स्वामी ने कहा कि 21 से 28 को जयपुर में सनातन धर्म यात्रा का 33वां पड़ाव है। इस दिव्य गीता महोत्सव में नगर के सभी लोगों को भाग लेने का आग्रह कर निमंत्रण दिया। कल कथा का समापन दिवस रहेगा तथा शिवरात्रि को निरंतर अभिषेक का अनुष्ठान रहेगा।
आज कथा के यजमान कन्हैयालाल जी प्रजापत थे।

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