श्रीडूंगरगढ़ में नव लेखकों के प्रशिक्षण का नवाचार- प्रथम बार
समाचार-गढ़, 23 मई 2023। नवलेखन के क्षेत्र में उतरने के लिए श्रीडूंगरगढ़ पुस्तकालय के सभागार में आज तीस अभ्यर्थियों ने बड़े उत्साह से भाग लिया। राष्ट्र भाषा हिन्दी प्रचार समिति की ओर से आयोजित इस कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर अपने उद्गार व्यक्त करते हुए पूर्व लेखाधिकारी बजरंग शर्मा ने कहा कि लेखन में दोहरी चीज रहती है, उससे सरल कोई कार्य नहीं है तो उससे कठिन भी कोई कार्य नहीं है। यह निरंतर रुचि और अभ्यास से जुड़ा हुआ मसला है। लेखन की ऊंचाइयों की कोई सीमा नहीं है। श्रीडूंगरगढ़ के लेखकों ने अपने लेखन के बल पर राष्ट्रीय स्तर की ऊंचाइयां प्राप्त की है, इस विरासत को आगे बढाने के लिए नवलेखकों को आगे आना होगा।
इस अवसर पर उपस्थित सहभागियों ने प्रथम दिन की दो घंटे की कक्षाओं के सम्बन्ध में कहा कि उनके लिए लेखन की सभी विधाओं में कौशल प्राप्ति के लिए यह प्रशिक्षण कार्यशाला बहुत उपयोगी रहेगी। रिसोर्स पर्शन डाॅ मदन सैनी ने विद्यार्थियों को लेखन से जुड़ने के कुछ आसान से तरीके बताए। उन्होंने कहा कि यह लेखन, पत्रकारिता तथा अन्य प्रकार के लेखन प्रशिक्षण का गुंफित सा कार्यक्रम है। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार श्याम महर्षि ने कहा कि राजस्थान में यह प्रथम अवसर है जब लेखन की तात्कालिकता को समझते हुए यह प्रशिक्षण शाला शुरू की गई है। पन्द्रह दिनों में लेखन की दक्षता के मायने समझ में आएंगे। उल्लेखनीय की यह लेखन प्रशिक्षण कार्यशाला डाॅ आरती बोथरा, पूर्णानंद जोशी, राजकुमार पुगलिया तथा निर्मल कुमार बोथरा के सौजन्य से लगाई जा रही है।
कार्यशाला संयोजक डाॅ चेतन स्वामी ने कहा कि दृढ़ निश्चय के बल पर कालजयी लेखन किया जाना संभव है। लेखन में दक्ष युवा किसी भी तरह की प्रतियोगी परीक्षा को आसानी से पास कर लेता है। अब लेखन की उपादेयता दिनों दिन बढती जा रही है। इस काल में लेखन से यश और धन, दोनों की प्राप्ति संभव हो चली है। इस अवसर पर साहित्यकार श्रीभगवान सैनी, पत्रकार विजय महर्षि तथा अशोक पारीक, भंवर भोजक, तुलसीराम चौरड़िया ने अपने उद्गार व्यक्त किये। अगले 14 दिनों में प्रातः साढे नौ बजे से साढे ग्यारह बजे तक यह कार्यशाला जारी रहेगी।


