दिनांक 12 -03 -2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 12/03/2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2079
शक संवत् – 1944
* ऋतु – बसंत
* अयन- उत्तरायण
* मास – चैत्र
* पक्ष- कृष्ण
* तिथि- पंचमी रात्रि 21:57 बजे उपरांत षष्ठी
* वार- रविवार
* नक्षत्र – स्वाति प्रातः 07:55 बजे उपरांत विशाखा
* योग- 1 व्याघात – 18:36:12 P.M. उपरांत 2 हर्षण
*करण- *1* कौलव-09:58:36 A.M 2 तैतिल-21:57 P.M. बजे उपरांत 3 गर –
* चंद्र राशि – तुला रात्रि 26:14 बजे उपरांत वृश्चिक
चंद्र बल – मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मकर, कुंभ रात्रि 26:14 बजे उपरांत वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, कुंभ, मीन
सम्वत् नाम – शुभकृत
सूर्योदय – 06:51 A.M. सूर्यास्त – 06:37 P.M.
दिनमान – 11:46
रात्रिमान – 12:14 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न -12:20 बजे से 1:08 तक
अशुभ समय
यमगण्ड – दोपहर 12:00 से 1:30 तक राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
1. दोपहर 12:44:00 से 02:12:15 बजे तक
2. रात्रि 02:15:45 से 03:47:30 बजे तक
गुलिक काल – सायं 03:00 से 04:30 बजे तक
दिशा शूल – पश्चिम दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.उद्वेग- प्रातः 06:51 से 08:19:15 तक
2.चंचल-प्रातः 08:19:15 से 09:47:30 तक
3.लाभ-प्रातः09:47:30 से 11:15:45 तक
4.अमृत-प्रातः 11:15:45 से 12:44:00 तक (वारवेला निषेध)
5.काल-दोपहर 12:44:00 से 02:12:15 तक( कालवेला निषेध)
6.शुभ- दोपहर 02:12:15 से 03:40:30 तक
7.रोग-सायं 03:40:30 से 05:08:45 तक
8.उद्वेग-सायं 05:08:45 से 06:37 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.शुभ-रात्रि 06:37 से 08:08:45 तक
2.अमृत -रात्रि 08:08:45 से 09:40:30 तक
3.चंचल-रात्रि 09:40:30 से 11:12:15 तक
4.रोग-रात्रि 11:12:15 से 12:44:00 तक
5.काल-रात्रि 12:44:00 से 02:15:45 तक
6.लाभ-रात्रि 02:15:45 से 03:47:30 तक (कालवेला निषेध)
7.उद्वेग-रात्रि 03:47:30 से 05:19:15 तक
8.शुभ-रात्रि 05:19:15 से 06:51 तक
विशेष पर्व – रंग पंचमी
वार विशेष- यदि आपकी जन्मकुंडली या गोचर कुंडली में सूर्य किसी भी प्रकार से पीड़ित है तो कृपया रविवार को तांबे के पात्र में जल,लाल चंदन, अक्षत, लाल पुष्प डालकर प्रातः काल सूर्योदय के समय भगवान सूर्यनारायण को अर्घ्य प्रदान करने से मान-सम्मान की वृद्धि होती है
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721