दिनांक 21 -05 -2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
आंखों के रोग से पीड़ित तो अवश्य करें ये उपाय ?
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 21/05/2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2080
शक संवत् – 1945
* ऋतु – ग्रीष्म
* अयन- उत्तरायण
* मास – ज्येष्ठ
* पक्ष- शुक्ल
* तिथि- द्वितीया रात्रि 22:06 बजे उपरांत तृतीया
* वार- रविवार
* नक्षत्र – रोहिणी प्रातः 09:01 बजे उपरांत मृगशिरा
* योग- 1 सुकर्मा – सायं 16:40:12 . बजे उपरांत धृति
करण-1* बालव – 09:43:24 A.M. 2 कौलव – 22:06 उपरांत 3 तैतिल
* चंद्र राशि – वृषभ रात्रि 21:43 बजे उपरांत मिथुन
चंद्र बल – मेष, वृषभ, कर्क, सिंह, कन्या, वृश्चिक, धनु,मकर,मीन रात्रि 21:43 बजे उपरांत मेष,वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या, तुला, धनु, मकर, कुंभ
सम्वत् नाम – पिंगल
सूर्योदय – 05:49 A.M. सूर्यास्त – 07:12 P.M.
दिनमान – 13:23
रात्रिमान – 10:36 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न -12:06:30 बजे से 12:54:30 तक
अशुभ समय
यमगण्ड – दोपहर 12:00 से 1:30 तक राहुकाल- सायं 4:30 से 6:00 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
1. दोपहर 12:30:30 से 02:10:52 बजे तक
2. रात्रि 01:49:30 से 03:09:00 बजे तक
गुलिक काल – सायं 03:00 से 04:30 बजे तक
दिशा शूल – पश्चिम दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.उद्वेग- प्रातः 05:49 से 07:29:22 तक
2.चंचल-प्रातः 07:29:22 से 09:09:45 तक
- लाभ- प्रातः 09:09:45 से 10:50:07 तक
4.अमृत-प्रातः 10:50:07 से 12:30:30 तक (वारवेला निषेध)
5.काल-दोपहर 12:30:30 से 02:10:52 तक( कालवेला निषेध)
6.शुभ- दोपहर 02:10:52 से 03:51:15 तक
7.रोग-सायं 03:51:15 से 05:31:37 तक
8.उद्वेग-सायं 05:31:37 से 07:12:00 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.शुभ-रात्रि 07:12:00 से 08:31:30 तक
2.अमृत -रात्रि 08:31:39 से 09:51:00 तक
3.चंचल-रात्रि 09:51:00 से 11:10:30 तक
4.रोग-रात्रि 11:10:30 से 12:30:00 तक
5.काल-रात्रि 12:30:00 से 01:49:15 तक
6.लाभ-रात्रि 01:49:30 से 03:09:00 तक (कालवेला निषेध)
7.उद्वेग-रात्रि 03:09:00 से 04:28:30 तक
8.शुभ-रात्रि 04:28:30 से 05:48 तक
वार विशेष- रविवार का दिन भगवान सूर्य की उपासना के लिए विशेष दिन माना जाता है। रविवार के दिन प्रातः काल भगवान सूर्य को तांबे के पात्र में जल डालकर अर्घ्य प्रदान करें अर्घ्य का जो जल जमीन पर गिरे उस जल की रोशनी में सूर्य का दर्शन करने से न केवल बड़े से बड़ा नेत्र संबंधित विकार भी दूर हो जाता है बल्कि यदि चश्मा भी लगा हो तो वह भी हटने के प्रबल आसार रहते हैं।
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721