दिनांक 20-02-2023 के पंचांग के साथ जाने और भी कई खास बातें आचार्य राजगुरू पंडित रामदेव उपाध्याय के साथ
श्री गणेशाय नम:
तिथि वारं च नक्षत्रं
योगो करणमेव च ।
पंचागं श्रृणुते नित्यं
श्रीगंगा स्नानं फलं लभेत् ।।
शास्त्रों के अनुसार नित्य पंचांग के तिथि, वार, नक्षत्र ,योग ,करण आदि पांच अंगों को सुनने से गंगा स्नान के बराबर फल मिलता है अतः नित्य पंचांग अवश्य सुनना चाहिए।। *आज का पंचांग*
दिनांक- 20/02 /2023
श्री डूंगरगढ़
अक्षांश – 28:06
रेखांश – 74:04
पंचांग
विक्रम संवत् – 2079
शक संवत् – 1944
* ऋतु – बसंत
* अयन- उत्तरायण
* मास – फाल्गुन
* पक्ष- कृष्ण
* तिथि- अमावस्या रात्रि 12:31 बजे उपरांत प्रतिपदा
* वार- सोमवार
* नक्षत्र – धनिष्ठा प्रातः 11:41 बजे उपरांत शतभिषा
* योग- परिध -प्रात:10:58 बजे उपरांत शिव
- करण- 1 नाग- दोपहर 12:31:12 बजे 2 किंस्तुघ्न- रात्रि 22:45:42 बजे उपरांत 3 बव
चंद्र राशि कुंभ
चंद्र बल– मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या,तुला, धनु,मकर, कुंभ
सम्वत् नाम – शुभकृत
सूर्योदय – 07:10 A.M. सूर्यास्त – 06:25 P.M.
दिनमान – 11:15
रात्रिमान – 12:45 *शुभ समय* अभिजित मुहूर्त मध्याह्न -12:30:30 बजे से 01:11:30 तक
अशुभ समय
यमगण्ड – प्रातः 10:30 से 12:00 बजे तक राहुकाल- प्रातः 7:30 से 9:00 बजे तक
*(विशेष- राहुकाल चक्र भारत के दक्षिण संभाग में ही मान्य है दक्षिण संभाग के लोगों को शुभ कार्यो में राहु काल के समय का त्याग करना चाहिए किंतु उत्तर भारत में राहुकाल का समय शुभ कार्यों में त्यागने की आवश्यकता नहीं है । ) **
कालवेला या अर्द्धयाम
1. प्रातः 08:34:22 से 09:58:45 बजे तक
2. रात्रि 11:11:52 से 12:47:30 बजे तक
गुलिक काल – दोपहर 1:30 से 3:00 बजे तक
दिशा शूल – पूर्व दिशा
चौघड़िया ( दिन)
1.अमृत- प्रातः07:10 से 08:34:22 तक
2.काल-प्रातः08:34:22 से 09:58:45 (कालवेला निषेध)
3.शुभ-प्रातः09:58:45 से 11:23:07 तक
4.रोग-प्रातः11:23:07 से 12:47:30 तक
5.उद्वेग- दोपहर 12:47:30 से 02:11:52 तक
6.चंचल- दोपहर 02:11:52 से 03:36:15 तक
7.लाभ- सायं 03:36:15 से 05:00:37 तक (वारवेला निषेध)
8.अमृत-सायं 05:00:37 से 06:25 तक
चौघड़िया ( रात्रि)
1.चंचल-रात्रि 06:25 से 08:00:37 तक
2.रोग-रात्रि 08:00:37 से 09:36:15 तक
3.काल-रात्रि 09:36:15 से 11:11:52 तक
4.लाभ-रात्रि 11:11:52 से 12:47:30 तक (काल वेला निषेध)
5.उद्वेग-रात्रि 12:47:30 से 02:23:07 तक
6.शुभ-रात्रि 02:23:07 से 03:58:45 तक
7.अमृत-रात्रि 03:58:45 से 05:34:22 तक
8.चंचल-रात्रि 05:34:22 से 07:10 तक
विशेष- देवपितृकार्ये सोमवती अमावस्या
वार विशेष- यदि आपकी जन्मकुंडली या गोचर कुंडली में चंद्र ग्रह किसी भी प्रकार से पीड़ित है तो कृपया सोमवार को दही एवं चावल खाएं
राजगुरु पंडित रामदेव उपाध्याय ( शास्त्री-आचार्य ,ज्योतिष विद्, बी.ए.)
भू.पू. सहायक आचार्य
श्री ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री डूंगरगढ़
M.N. 9829660721