Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD
HomeFrontश्रीडूंगरगढ़ के 142 वें स्थापना दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन

श्रीडूंगरगढ़ के 142 वें स्थापना दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन

Samachargarh AD
Samachargarh AD
Samachargarh AD

श्रीडूंगरगढ़ के 142 वें स्थापना दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन

समाचार-गढ़, श्रीडूंगरगढ़। श्रीडूंगरगढ़ पुस्तकालय की ओर से सोमवार को श्रीडूंगरगढ़ नगर स्थापना पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें इस बात पर चिंता प्रकट की गई कि शहर में निस्वार्थ भाव से कार्य करनेवाले सामाजिक कार्यकर्ताओं की संख्या तेजी से घटती जा रही है। ऐसे में लोककल्याण के निमित्त स्थापित निजी संस्थाओं का संचालन अगले वर्षों में कैसे संभव होगा?
संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार श्याम महर्षि ने कहा कि शहर के धनी, बौद्धिक और राजनेता मिलकर शहर के विकास की योजनाएं बनाए। जब तक तीनों वर्गों में सामंजस्य नहीं होगा, शहर का वास्तविक विकास नहीं हो पाएगा। अन्य शहरों में हो रहे विकास पर हमारा अध्ययन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यहां आए दिन सरकारी कार्यों की घोषणाएं तो बहुत होती है, किंतु जनता का फोलोअप न होने से सारी योजनाएं अपने सही आकार प्रकार में सफलीभूत नहीं हो पातीं।
सामाजिक कार्यकर्ता तुलसीराम चौरड़िया ने कहा कि वर्तमान में राज्य सरकार ने यहां ट्रोमा सेंटर, निजी व सरकारी बसों के ठहराव हेतु बस स्टैंड के लिए निर्माण की घोषणा तो कर रखी है, पर दोनों ही कार्यों को पूरा कराने के लिए जनता को भी नेताओं के साथ जुड़ना चाहिए। काम जब तक अस्तित्व में नहीं आते हैं, तब तक खाली घोषणाओं से कुछ नहीं होना। यहां एक सुव्यवस्थित ड्रेनेज योजना की घोषणा दो बार के बजट में हो चुकी, पर काम शुरू नहीं हो रहा है, इसलिए बरसात के दिनों में पुरानी मुश्किलों से सामना करना पड़ेगा।
वयोवृद्ध सामाजिक कार्यकर्ता रामचन्द्र राठी ने कहा कि यहां वर्षों से राजकीय महाविद्यालय स्नातकोत्तर स्तर तक संचालित हैं किंतु महाविद्यालय का भवन नहीं होने से विद्यार्थियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पुस्तकालय के मंत्री भंवर भोजक ने कहा कि शहर में पुलिस प्रशासन की ढिलाई के कारण गांधीपार्क तथा पुराने बस स्टैंड के इर्द गिर्द अतिक्रमणों की भरमार होने से सड़कों से निकलना दूभर रहता है तथा निरंतर जाम लगते रहते हैं।
कार्यक्रम संचालक डाॅ चेतन स्वामी ने कहा कि सन 1982 में श्रीडूंगरगढ़ शताब्दी समारोह धूमधाम से मनाया गया था। शहर के कृतज्ञजनों को अब भी प्रति वर्ष दो या तीन दिवसीय भव्य स्थापना कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए।

Samachargarh AD
RELATED ARTICLES
- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!
विज्ञापन