पाक हसीना के हुस्न का जाल, लखासर के विक्रमिंसंह ने आईएसआई के लिए की जासूसी

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समाचार गढ़। राजस्थान इंटेलिजेंस ने मिलिट्री इंटेलिजेंस बीकानेर के साथ संयुक्त कार्रवाई कर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे डूंगरगढ़ तहसील के लाखासर क्षेत्र के गांव उपर का बास निवासी विक्रम सिंह (31) को गिरफ्तार किया है. आरोपी सोशल मीडिया के जरिए एक पाकिस्तानी महिला के संपर्क में आया था. हनी ट्रैप में फंसकर उसके इशारे पर भारतीय फौज की जासूसी कर रहा था. आरोपी आर्मी एरिया महाजन बीकानेर में लंबे समय से वेट कैंटीन का संचालन कर रहा था.
       
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस संजय अग्रवाल ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा की जाने वाली जासूसी गतिविधियों पर राजस्थान इंटेलिजेंस द्वारा सतत निगरानी रखी जाती है. इस निगरानी के दौरान जानकारी में आया कि बीकानेर के डूंगरगढ़ क्षेत्र निवासी विक्रम सिंह सोशल मीडिया के माध्यम से पाकिस्तानी खुफिया हैंडलर्स के निरंतर संपर्क में है. इंटेलिजेंस जयपुर की टीम द्वारा विक्रम सिंह की गतिविधियों पर गहनता से निगरानी रखी गई.

इस दौरान पाया गया कि वो हनी ट्रैप में फंस चुका है. सोशल मीडिया के जरिए पाक महिला एजेंट के संपर्क में रहकर सामरिक महत्व की सूचना साझा कर रहा है. आरोपी आर्मी एरिया महाजन बीकानेर में लंबे समय से वेट कैंटीन का संचालन कर रहा था. करीब एक साल से यह पाक खुफिया एजेंट अनीता के संपर्क में था. पाक हैंडलर के चाहे जाने पर विक्रम सिंह आर्मी एरिया की संवेदनशील जानकारियां, तस्वीरें, वीडियो, लोकेशन और यूनिट की जानकारी उपलब्ध करवा रहा था.
      
एडीजी ने बताया कि आरोपी विक्रम सिंह के खिलाफ शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत केस दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया गया है. उसके पास से मोबाइल फोन बरामद किया गया है, जिसका इस्तेमाल करके वो जासूसी कर रहा था. उसके मोबाइल डाटा का तकनीकी विश्लेषण करने के बाद उपरोक्त तथ्यों की पुष्टि हो गई है. बताते चलें कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी अपनी महिला एजेंट के जरिए हनी ट्रैप के जरिए लोगों से भारतीय सेना की गुप्त सूचनाएं हासिल करती है.

ऐसे लोगों को हनी ट्रैप करती है पाक खुफिया एजेंसी ISI

इनमें मुख्यतः सैनिकों, पैरा मिलिट्री, रक्षा, जलदाय विभाग, विद्युत विभाग, रेलवे के कर्मचारी, वैज्ञानिकों, सेना के राशन सप्लायर्स, ठेकेदारों और बॉर्डर क्षेत्र के स्थानीय निवासियों को निशाना बनाया जाता है. पाकिस्तान की महिला एजेंट भारत के मोबाइल नंबर से सोशल मीडिया अकाउंट ओपन कर सीमावर्ती क्षेत्र के युवाओं को फंसाती हैं. भारतीय मोबाइल नंबर होने के कारण उन पर किसी को शक नहीं होता. खासकर युवा इन महिलाओं के हनी ट्रैप में फंस कर सामरिक महत्व की सूचनाओं को साझा कर देते हैं. 

पिछले साल राजस्थान के ही बीकानेर से एक शख्स नरेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया था. वो सोशल मीडिया के जरिए दो महिला एजेंटों के संपर्क में रहकर अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर क्षेत्र की सामरिक महत्व की सूचनाओं साझा कर रहा था. उसने पूछताछ बताया था कि वो 2 साल से फेसबुक पर “पूनम बाजवा” के नाम से संचालित अकाउंट के संपर्क में है. पूनम ने खुद को भटिंडा निवासी बताते हुए बीएसएफ में डाटा एंट्री ऑपरेटर पद पर कार्य करना बताया था. 

पूनम बाजवा ने नरेंद्र कुमार से दोस्ती कर शादी का प्रलोभन दिया और अपने व्हाट्सएप नंबर देकर अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित संवेदनशील सूचनाएं जैसे सड़क, पुल, बीएसएफ पोस्ट, टावर, आर्मी की गाड़ियों की फोटोग्राफ, प्रतिबंधित स्थान के फोटोग्राफ और वीडियो प्राप्त करती थी. इसके साथ ही महिला पाक एजेंट के कहने पर उसके द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप में बॉर्डर क्षेत्र के निवासी व्यक्तियों को ग्रुप का सदस्य बनाया था. उसके एक सहयोगी को भी गिरफ्तार किया गया था.

क्या है हनी ट्रैप, कैसे फंसाती हैं पाकिस्तान की हसिनाएं

हनी ट्रैप या हनी ट्रैपिंग एक तरह की जासूसी है. इसमें पारस्परिक, राजनीतिक या मौद्रिक उद्देश्य के लिए एक रोमांटिक या यौन संबंधों का उपयोग किया जाता है. हनी ट्रैप में किसी ऐसे व्यक्ति से संपर्क किया जाता है, जिसके पास कोई आवश्यक जानकारी हो या फिर उससे पैसे ठगने हो. ट्रैपर अपने टारगेट को एक झूठे रिश्ते में फंसाने की कोशिश करता है, ताकि उससे संबंधित चीजें हासिल कर सके. ‘हनी ट्रैप’ शब्द का प्रयोग तब भी किया जाता है जब डेटिंग साइटों का उपयोग किसी पीड़ित तक पहुंच के लिए किया जाता है. 

आईएसआई का हथियार हनी ट्रैप हनी ट्रैप पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का पुराना हथियार है. पाकिस्तान ने इस काम के लिए बाकायदा सात मॉड्यूल तैयार कर रखे हैं. इसमें 25 से ज्यादा लड़कियां अलग-अलग रोल में अलग-अलग टाइम पर हिंदुस्तानी जवानों और अफसरों को टार्गेट करती हैं. आईएसआई कराची, लाहौर और हैदराबाद जैसे शहरों में खूबसूरत लड़कियों और सेक्स वर्कर्स को इस काम के लिए तैयार करती है. इन लड़कियों के सेलेक्शन का सबसे पहला पैमाना उनकी खूबसूरती होता है. 

आईएसआई द्वारा इन लड़कियों को ट्रेनिंग के बाद इंडियन फोर्सेज के जवानों और अफसरों से बातचीत करने के लिए तैयार किया जाता है. इस ट्रेनिंग में उन्हें इंडियन फोर्सेज के बारे में जानकारी दी जाती है. अफसरों की रैंक, यूनिट और उनकी लोकेशन के बारे में बताया जाता है. हनी ट्रैप के इस पूरे खेल के दौरान मिलिट्री इंटेलिजेंस के अफसर भी उन्हें मॉनिटर करते रहते हैं. यानी इन लड़कियों का रोल एक कठपुतली से ज्यादा कुछ नहीं होता, जिन्हें बाद में या तो हटा दिया जाता है या फिर नया काम सौंप दिया जाता है.

Ashok Pareek

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