समाचार गढ़, 13 सितंबर 2025। श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लिखमादेसर में शनिवार 13 सितंबर को हरियाणा से पधारे विद्वान डॉ. आर्य ने विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरक और सार्थक व्याख्यान प्रस्तुत किया। डॉ. आर्य, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट योगदान के लिए 15 बार राष्ट्रपति शिक्षक सम्मान प्राप्त किया है, ने विद्यार्थियों को चरित्र निर्माण, जीवन के संस्कार, सत्कार्य, सत्य की जीवंतता तथा माता-पिता के त्याग की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला।
डॉ. आर्य ने अपने व्याख्यान में बताया कि सुन्दर विचार और संस्कार जीवन निर्माण की मजबूत नींव हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को समय प्रबंधन, सकारात्मक सोच, और व्यवहारिक मूल्यों को अपने चरित्र में शामिल करने की प्रेरणा दी। इसके साथ ही, उन्होंने जीवन में पवित्रता, सत्यनिष्ठा तथा व्यवसायिक और नैतिक मूल्यों की अहमियत पर बल दिया। डॉ. आर्य ने पर्यावरण संरक्षण में शिक्षा के साथ खुद को समर्पित कर महत्त्वपूर्ण योगदान के लिए भी सम्मानित कहा गया।
कार्यक्रम के दौरान विद्यालय के प्रधानाचार्य लक्ष्मीकान्त वर्मा, एसएमसी सचिव धूणनाल जी, गणमान्य शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित रहे। आयोजन में विद्यालय प्रशासन और शिक्षक गण ने डॉ. आर्य का स्वागत किया और अंत में उन्हें पुस्तकें, पेन, तथा स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का सफल संचालन हिन्दी प्राध्यापक भगवती पारीक ‘मनु’ ने किया। विद्यार्थियों ने डॉ. आर्य के विचारों को ध्यान से सुना और जीवन में संस्कारों तथा नैतिकता को महत्व देने की प्रेरणा प्राप्त की। इस प्रकार विद्यालय में एक सार्थक शैक्षिक माहौल का सृजन हुआ।
यह आयोजन न केवल विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना बल्कि शिक्षकों और अभिभावकों के लिए भी शिक्षा के प्रति एक नई चेतना जगाने वाला रहा। डॉ. आर्य का यह व्याख्यान निश्चित रूप से विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगा।














