समाचार गढ़, श्रीडूंगरगढ़। कोरोना महामारी के चलते पिछले दो साल से त्योहारों की रंगत फीकी थी लेकिन इस बार दो साल के अंतराल के बाद हर तरफ त्योंहार, मेले, मगरियांे की धूम चारों तरफ नजर आने लगी हैं। पन्द्रह दिन तक गणगौर पूजन के बाद आज शहर व गांवों में गणगौर की शाही सवारी निकली। महिलाओं ने गणगौर को ढोकले का बने प्रसाद का भोग लगाकर जलपान कराकर आशीर्वाद लिया। महिलाओं ने गणगौर की पूजा कर सुखी जीवन की कामना की। कन्याओं ने गणगौर की पूजा कर अच्छे वर, सुखी जीवन के साथ दीर्घायु की कामना की। कई घरों में गणगौर का अंजुणा भी रखा गया। महिलाओं व लड़कियों ने गणगौर पूजन के बाद गणगौर के भजनों पर नृत्य किया। श्रीडूंगरगढ़ व क्षेत्र के सातलेरां, लिखमादेसर बिग्गा, धीरदेसर, अभयसिंह पुरा, नारसीसर सहित कई गांवों में गणगौर माता की शाही सवारी निकाली गई। महिलाओं ने परंपरागत भजनों एवं गीत गाकर गणगौर माता एवं ईसर देव की पूजा अर्चना कर विवाह की रस्म पूरी की गई।
श्रीडूंगरगढ़ में नगरपालिका द्वारा निकाली जाने वाली गणगौरी की सवारी बैंड बाजों के साथ नेशनल हाइवे 11 पर स्थित पालिका भवन से रवाना हुई जो घूमचक्कर, गांधी पार्क, ताल मैदान माताजी मंदिर, मैन बाजार स्थित कालका माता मंदिर सहित मुख्य मार्ग से होते हुए अपने गनव्य स्थान पर पहुंची। गणगौर का स्वागत पुष्प वर्षा से किया गया। इस दौरान कई जगह गणगौर के भोग लगाया गया। इस दौरान पालिका अध्यक्ष मानमल शर्मा, पार्षद प्रतिनिधि श्यामसुन्दर पारीक, रमेश मूंधड़ा, पार्षद रजत आसोपा, एएसआई कानूराम चांवरिया सहित कस्बे की महिलाएं व पुरुष मौजूद रहे।
श्रीडूंगरगढ़। क्षेत्र में गणगौर उत्सव हर वर्ष से इस वर्ष अधिक उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया। कस्बे की गणगौर सेवा समिति द्वारा सोमवार शाम को हनुमान क्लब मैदान से गणगौर का शाही जुलूस निकाला गया। जो कस्बे की मुख्य गलियों से गुजरते हुए नेहरू पार्क पहुंच कर पूर्ण हुआ। इस मौके बड़ी संख्या में महिलाएं व गणगौर पूजन करने के लिए बालिकाएं मौजूद रही। यहां के मुख्य बाजार, गांधी पार्क सहित हाई स्कूल रोड़ पर गणगौर का स्वागत पुष्प वर्षा से किया गया। इसी प्रकार लोगों द्वारा घरों में भी गणगौर उत्सव मनाया गया। बालिकाओं ने ढोकले बना कर गणगौर माता को भोग लगाया। डीजे की धुन पर गौर को विदाई दी गई।
सातलेरा गांव में गौरीशंकर तावणिया के अनुसार ठाकुर जी मंदिर से परंपरागत रूप से गणगौर माता की शाही सवारी निकाली गई जो गांव के बिग्गाजी स्टेडियम स्थित परंपरागत कुएं के पास पहुंची। महिलाओं ने परंपरागत भजनों एवं गीत गाकर गणगौर माता एवं ईसर देव की पूजा अर्चना कर विवाह की रस्म पूरी की। सातलेरा में पंडित सत्यनारायण सारस्वत के सानिध्य में गणगौर के विवाह की रस्म पूरी की गई।
धीरदेसर चोटियान सांवरमल सहू के अनुसार आज गांव में गणगौर माता की शाही सवारी ढोल नगाड़ों के साथ निकाली गई। ग्रामीणों ने गणगौर माता की शाही सवारी के आगे नृत्य कर गणगौर के विवाह की रस्म पूरी की गई तथा ढोकले के बने प्रसाद का भोग लगाकर जलपान करा कर विदाई दी।
लिखमादेसर में गणगौर का आयोजन सरपंच प्रतिनिधि राधेश्याम सिद्ध और श्री हंसोजी मुख्य धाम के महंत भंवरनाथ के देखरेख में हुआ। सरपंच प्रतिनिधि राजेश्याम ने बताया कि गणगौर के अवसर पर पूरे दिन घूमर प्रतियोगिता का आयोजन चला। इस आयोजन में हजारों की संख्या में ग्रामीण हिस्सा लेते है। वहीं उन्होंने बताया कि बीकानेर जिले की एकमात्र ग्राम पंचायत जो अपनी संस्कृति को बचाने के लिए अपने स्तर पर गणगौर के दिन घूमर प्रतियोगिता का आयोजन करवाती है। सरपंच द्वारा इनामी राशि विजेता को दी जाती है। इस दौरान सिद्ध युवा महासभा के अध्यक्ष भगवाननाथ, मंत्री मघानाथ, कोषाध्यक्ष मदन नाथ का स्वागत किया गया। मूलनाथ जाखड़, रुघनाथ, मदन पारीक, ओम नाथ, फूस नाथ आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।